परिवहन निगम निकाल रहा पानी का दम
- एक बस की धुलाई में खर्च हो रहा डेली 200 लीटर पानी
- गोरखपुर डिपो में डेली धुलाती हैं 55-60 बसें - गोरखपुर बस अड्डे पर डेली बस धुलने में यूज होता 11 हजार लीटर पानी एक बस की धुलाई में खर्च हो रहा डेली ख्00 लीटर पानी - गोरखपुर डिपो में डेली धुलाती हैं भ्भ्-म्0 बसें - गोरखपुर बस अड्डे पर डेली बस धुलने में यूज होता क्क् हजार लीटर पानीGORAKHPUR: GORAKHPUR: देश में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पानी बचाने के लिए शासन प्रशासन की तरफ से आए दिन अवेयरनेस प्रोग्राम कराए जा रहे हैं, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। लेकिन गोरखपुर में तो खुद परिवहन निगम पानी की बर्बादी कर रहा है तो पब्लिक भला क्या समझेगी। गोरखपुर रीजन में कुल आठ बस अड्डे हैं। केवल गोरखपुर बस अड्डे की बात करें तो यहां करीब भ्भ् बसों की डेली धुलाई होती है। जिसमें करीब क्क् हजार लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। जबकि पिछली सरकार में ही आठों बस अड्डे पर ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट लगना था। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी हुई लेकिन मशीन आज तक नहीं लग पाई।
चार साल पहले हुआ था टेंडरकरीब चार साल पहले परिवहन निगम की पहल पर गोरखपुर रीजन के आठों बस अड्डे पर ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट लगाने की कवायद शुरू की गई। जिसमें कई फर्म्स ने इंट्रेस्ट भी दिखाया। यही नहीं गोरखपुर रीजन के आठों बस अड्डों का सर्वे भी फर्म ने किया। सूत्रों की मानें तो कंपनी और परिवहन निगम के बीच रेट को लेकर बात नहीं बन पाई। जिसके बाद घाटे का सौदा मान फर्म ने पैर पीछे खींच लिए। इसके बाद परिवहन निगम के जिम्मेदारों ने ना तो दोबारा टेंडर निकाला ना ही इस दिशा में कुछ और काम किया।
ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट से ये होता फायदा बस अड्डे पर ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट लगने से पानी की बचत होती। इस सिस्टम को लगाने के लिए क्000 हजार लीटर की क्षमता वाली एक टंकी बनाई जाती। बस की धुलाई के बाद सारा पानी इसी टंकी में बह कर जाता। इसके बाद मशीन इस पानी को रिसाइकिल कर एक बार फिर यूज करने लायक बनाती। इसी पानी का कई बार यूज किया जा सकेगा। इससे बार-बार हो रही पानी की बर्बादी पर रोक लग सकती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। गोरखपुर में 7भ्0 बसेंगोरखपुर रीजन के आठ डिपो में कुल 7भ्0 बसें हैं। एक बस की धुलाई में करीब ख्00 लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। इस हिसाब से परिवहन निगम एक लाख भ्0 हजार लीटर पानी डेली 7भ्0 बसों पर बर्बाद कर रहा है। जबकि ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट से पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। लेकिन परिवहन निगम की सुस्ती से ये कवायद पूरी नहीं हो पा रही है।
गोरखपुर रीजन में बस अड्डे - 8 एक बस की धुलाई में पानी की बर्बादी - ख्00 लीटर गोरखपुर रीजन में बसों की संख्या - 7भ्0 7भ्0 बसों में पानी की बर्बादी - क् लाख भ्0 हजार वर्जन कानूनी कारणों से ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट लगाने का टेंडर दोबारा नहीं पाया। अब सहमति बन गई है। बहुत जल्द इसका टेंडर होगा। डीवी सिंह, आरएम गोरखपुर रीजन