- आलू की बम्पर पैदावार होने से जमीन पर आए आलू के रेट, पुराने आलू की मंडी में मांग नहीं

-किसान कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू निकालने नहीं जा रहे, संचालकों ने की फिंकवाने की तैयारी

- स्टोरेज का किराया और मंडी तक का भाड़ा भी देने की स्थिति में नहीं हैं आलू किसान

KANPUR: दो महीने पहले तक लोगों को रुलाने वाला आलू अब खुद आंसू बहा रहा है साथ में वो किसान भी जिन्होनें आलू की फसल लगाई थी। यहां तक कोल्ड स्टोरेज के मालिक भी आलू की बंपर पैदावारी से परेशान हैं। अचानक भाव नीचे आने से हजारों कुंटल आलू कोल्ड स्टोर में ही सड़ जाने के आसार बन गए हैं। जो किसान आलू स्टोर कर गए थे, वे अब उसे निकालने नहीं आ रहे हैं। क्योंकि स्टोरेज का किराया और वहां से माल उठाने और मंडी तक ले जाने का खर्च भी आलू बेचकर नहीं निकल पा रहा है। मजबूरी में कोल्ड स्टोरेज के संचालक इस आलू को फेंकने की तैयारी में जुट गए हैं।

किसानों पर फिर मुसीबत

सब्जियों के राजा कहलाने वाले आलू बोने वाले किसानों पर इस बार मुसीबत आ गई है। पैदावार अधिक होने की वजह से दाम बहुत गिर गए हैं। कोल्ड स्टोरेज में रखा पुराना आलू निकालने के लिए किसान के पास पैसे नहीं हैं। हालांकि, नया आलू आने से अब इस पुराने आलू की मंडी में भी मांग नहीं रह गई है।

प्रति बोरी 125 रुपए किराया

कानपुर नगर, देहात और कन्नौज तक के सभी कोल्ड स्टोरेज पुराने आलू से फुल पड़े हैं। अब सीजन आ गया तो कोल्ड स्टोरेज के मालिकों को स्टोर खाली कराने की चिंता हो रही है। उधर, किसान अपना आलू लेने नहीं आ रहे हैं। इसका कारण यह है कि प्रति पचास किलो की बोरी पर उन्हें 125 रुपए स्टोर का किराया देना है और 5 रुपए प्रति बोरी लदवाई देनी पड़ेगी। यानी कुल 130 रुपए उन्हें अपना 50 किलो आलू निकालने के लिए देना पड़ेगा।

नए आलू की भारी आवक

अब किसान मंडी के भाव भी देख रहा है। जहां नए आलू की भारी मात्रा में आवक हो रही है। इससे रेट भी डाउन होकर 500-600 रुपए कुंटल पहुंच गए हैं। ऐसे में पुराना आलू मंडी में बिकेगा ही नहीं। इसको देखते हुए किसान कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू लेने नहीं आ रहे हैं।

फेंकने के सिवा कोई रास्ता नहीं

नगर की सीमा पर स्थित एक कोल्ड स्टोरेज के मालिक देवेन्द्र कटियार ने बताया कि किसानों से कहा भी गया कि वे अपना आलू निकाल कर कोल्ड स्टोरेज खाली करें। इसके बावजूद कोई नहीं आ रहा है। कारण यह है कि जितना कोल्ड स्टोरेज का किराया बन रहा है, उतने भाव में नया आलू मंडी में आ रहा है। अब स्टोर में रखे आलू को फिंकवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। रसूलाबाद स्थित कोल्ड स्टोरेज के मालिक मोहित सिंह गौर का कहना है कि किसानों की उम्मीद के मुताबिक आलू के रेट मंडी में नहीं है। अब जितना कोल्ड स्टोरेज का खर्चा है, उतने ही भाव में नया आलू मिल रहा है। ऐसे में किसान पुराना आलू कोल्ड स्टोरेज से निकाल कर कहां बेचेगा।

'लोन' भी डूबने के आसार

कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने यह भी बताया कि आलू स्टोर करते समय कई किसान उनसे 100 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से उधार रुपए ले लेते हैं। जब आलू की बिक्री होती है तो यह रुपए चुका देते हैं। इस बार किसान न तो आलू निकालने आ रहे हैं और न ही कर्जा वापस करने। ऐसे में डबल नुकसान होना तय है।

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शादियों के लिए मुफ्त में आलू

शहर के कई कोल्ड स्टोरेज ने तो आलू हेल्पलाइन जारी कर दी है। उन्होंने गरीबों को बहन-बेटियों की शादी के लिए मुफ्त में आलू देने की घोषणा की है। इसके लिए बाकायदा मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। कोल्ड स्टोरेज मालिकों का कहना है कि आलू फेंकने से तो बेहतर है कि किसी जरूरतमंद के काम आ जाए।

Posted By: Inextlive