-संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने से मां समेत दो बच्चों की हो गई थी मौत

- महिला के परिजनों ने डीएम से मिलकर लगाया था दहेज हत्या का आरोप

- डीएम के निर्देश पर एसडीएम सरधना ने कब्र से निकलवाए तीनों शव

Falwdha : क्षेत्र के गांव महलका में तीन दिन पूर्व हुई मां व दो मासूम की हत्या के बाद डीएम से शिकायत के चलते तीनों शवों को कब्र से निकलवाकर पीएम को भेजा। इस दौरान गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासिनक अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस से आनन फानन तीनों शवो की वीडियोग्राफी भी कराई। शवों के कब्र से निकलवाने के दौरान सैकड़ो की संख्या में आसपास के ग्रामीणों की भीड़ मौजूद रहे।

क्या है मामला

बताते चलें कि थानाक्षेत्र के गांव महलका में 13 अप्रैल को महराज की पत्नी शायमा व उसके दो मासूम बच्चे नेहा व अबूजर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद गांव में सनसनी फैल गई थी। गांव व आसपास क्षेत्र में सनसनी फैलने के बाद सुसराल पक्ष ने आनन-फानन में तीनों शवों को पुलिस को सूचना दिये बिना सुपुर्द ए खाक कर दिया था।

डीएम ने दिए आदेश

मृतका के मायके वालों ने डीएम पंकज यादव को बहन व भांजे की हत्या करने का आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र सौंप कर तीनों शवों को कब्र से बाहर निकलवाकर पीएम कराने की मांग की थी। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सरधना ईसा दोहन को मामले की जांच करने के आदेश दिये थे।

एक्शन में एसडीएम

एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार रणजीत सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ रविवार को महलका पहुंचे और कब्रिस्तान में दफनाए गए तीनों शवों को करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। पुलिस ने शवों को बाहर निकालने के बाद शरीर पर लगी चोटों कलमबद्ध किया तथा शवों को सील कर पीएम के लिए भेजा।

आठ साल पहले बेटी शायमा की शादी महलका महराज संग की थी। शादी के बाद सुसराल पक्ष के लोग दहेज को लेकर बेटी प्रताडि़त कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर बेटी व धेवतों की मारपीट करने के बाद जहर देकर हत्या कर दी।

-इंतेसारी, मृतका की मां

(जैसा डीएम को दी शिकायत में लिखा)

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पुलिस का डबल रोल

घटनाक्रम की जानकारी के बाद मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की जगह थाना पुलिस दोनों पक्षों में समझौता कराने के लगी रही। आरोप है कि मृतका के भाई से पुलिस की मौजूदगी में समझौता लिखा लिया, जिसे बाद में उसने नकार दिया।

गांव महलका इनटीरियर में हैं और घटना की जानकारी पुलिस को नहीं हो पाई, पुलिस जबतक पहुंची तब तक मृतका और बच्चों के शव को दफन कर दिया गया था।

-अब्दुल कादिर, सीओ मवाना

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भारत में दहेज हत्याएं

साल-केस

2014-8455

2013-8083

2012-8233

2011-8618

2010-8391

(एनसीआरबी की रिपो‌र्ट्स के अनुसार

Posted By: Inextlive