-सिपाही को नहीं पता था

किस कोर्ट में आरोपियों की होनी है पेशी

PATNA: पटना सिविल कोर्ट की सुरक्षा में भारी सेंध है। आरोपी रोहित, बादशाह और भोला को कैदी वाहन से सिविल कोर्ट लाया गया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट हवालात में रखा गया। वहां से सिपाही मोतीचंद उन्हें एक साथ हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश कराने के लिए लेकर जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि सिपाही को कौन सी अदालत कहां लगती है, इसके बारे में पता ही नहीं था।

कार्यलय से पहले रोका

भोला ने सिपाही को बताया कि सिविल सर्जन के पुराने ऑफिस में सब जज 12 की अदालत है। वहीं उसकी पेशी होनी है। सिपाही उसे लेकर

जाने लगा। तभी कार्यालय से पहले एस्बेस्टस के घेरे के पास तीनों चोर टॉयलेट जाने की बात कह सिपाही को रुकने के लिए बोले। इसके बाद घेरे के अंदर प्रवेश करते ही उन्होंने सिपाही के मुंह पर जोर से मुक्का मारा और हथकड़ी सरकाकर गंगा की तरफ

भाग निकले।

भागने के लिए पहले से कराई थी रेकी

हैरानी की बात ये है कि कैदियों ने पहले से ही अपने साथियों की मदद से कोर्ट परिसर की रेकी की थी। दरअसल सिविल कोर्ट में दो गेट होता है। दोनों गेट पर 10-10 पुलिस जवान तैनात होते हैं। इसलिए अपराधियों ने देखा कि वो लोग यहां से नहीं निकल पाएंगे। उन्हे ये पता था कि सिविल सर्जन के पुराने ऑफिस के पास दीवार की उंचाई कम और वो लोग वहां से आसानी से भाग सकते हैं। इसलिए वो लोग सिपाही को गुमराह कर दीवार के पास ले गए और आसानी से भाग निकले।

इसी जवान के भरोसे थे तीन कैदी

हैरानी की बात ये है कि महज एक जवान मोती चंद के भरोसे तीनों कैदियों की जिम्मेदारी थी। मामले में मोती चंद ने बताया कि बदमाशों ने मेरे चेहरे पर मुक्का मार दिया। मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या है। करीब दो मिनट बाद जब मैं कुछ समझता इस दौरान वो लोग भाग चुके थे। बाद में अपने पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

Posted By: Inextlive