शूलटंकेश्वर में गंगा स्नान करने गए तीन दोस्तों की डूबने से मौत

साइकिल लेकर निकले थे घर से, मस्त मौसम के बहाने मौत खींच ले गयी घाट

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रोहनिया थाना क्षेत्र के माधोपुर स्थित शूलटंकेश्वर घाट पर शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। गंगा किनारे मौज मस्ती करने पहुंचे तीन दोस्त खेल खेल में गंगा में समा गए। तीनों को डूबता देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से तीनों की लाशों को बाहर निकाला।

दो को बचाने में डूबा अमित

लंका थाना क्षेत्र के डाफी नारायनपुर के क्षेत्र के रहने वाले सौरभ पटेल (15 वर्ष), सत्येन्द्र शर्मा (15 वर्ष) और अमित पटेल (23 वर्ष) दोस्त थे। सत्येन्द्र और सौरभ एक ही क्लास में पढ़ते थे जबकि अमित पिता संग मोटर बाइंडिंग का काम करता था। शुक्रवार की सुबह मौसम अच्छा देखकर तीनों ने शूलटंकेश्वर जाने की प्लैनिंग की और साइकिलें लेकर वहां पहुंच गए। तीनों ने पहले तो अपनी साइकिलें धोई। इसके बाद सौरभ और सत्येन्द्र ने गंगा में छलांग लगा दी। इस दौरान अमित वहीं घाट पर अपनी साइकिल धो रहा था। इस बीच अमित ने अपने दोनों दोस्तों सौरभ और सत्येन्द्र के चीखने की आवाज सुनी। उसने देखा दोनों डूब रहे थे। जिसके बाद उसने भी गंगा में छलांग लगा दी और दोनों को बचाने का प्रयास करने लगा।

डूब गए तीनों

इस बीच अपने दोनों दोस्तों को बचाने के लिए गंगा में कूदा अमित भी गंगा में डूबने लगा। तीनों चीखने चिल्लाने लगे। इनकी आवाज सुनकर घाट पर मौजूद लोग भागते हुए ऊपर मंदिर में पहुंचे और तीनों के डूबने की सूचना वहां मौजूद लोगों को दी। सूचना मिलते ही लोग घाट पर पहुंचे लेकिन तब तक तीनों गंगा में समा चुके थे। जिसके बाद लोगों ने पुलिस कंट्रोल रुम को इंफॉर्म किया। कंट्रोल रुम को सूचना मिलते ही अखरी चौकी इंचार्ज समेत एसओ रोहनिया मौके पर पहुंचे और डूबे दोनों किशोरों और युवक की तलाश शुरू करने के लिए जैतपुरा से सरकारी गोताखोरों की मदद मांगी। लेकिन काफी देर तक कोई गोताखोर नहीं पहुंचा। इस पर पुलिस ने एक स्थानीय गोताखोर से मदद मांगी। मदद की पेशकश पर गोताखोर अशोक तिवारी ने तीनों की तलाश शुरू की और दो घंटे के अंदर ही दो लाशें गंगा से मिल गई। जबकि तीसरी लाश वहां पहुंचे सरकारी गोताखोरों ने ढूंढ निकाली।

परिवार में मचा कोहराम

एक साथ तीन मौतों से तीनों के घरों में कोहराम मच गया। सौरभ के पिता अनिल पटेल बीएचयू में फोर्थ क्लास कर्मचारी हैं। बेटे संग हादसे की सूचना लगते ही वह मौके पर पहुंचे। पिता ने बताया कि सौरभ दो भाई और दो बहनों में सबसे छोटा था। जबकि सत्येन्द्र शर्मा के पिता सैलून चलाते हैं। दो भाई और एक बहन में सबसे छोटा सत्येन्द्र सौरभ के साथ नासीपुर के एक स्कूल में क्लास नौ में पढ़ता था। वहीं अमित पटेल ने हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और पिता संग बाइंडिंग का काम कर रहा था।

घर से निकला था दवा लेने कहकर

सौरभ की मां पुष्पलता देवी बेटे की लाश देखकर बार बार बेहोश जा रही थी। होश में आने पर बस यही कह रही थी कि झूठ बोलकर क्यों निकला घर से। दरअसल सौरभ मां से ये कहकर घर से निकला था कि वह बीएचयू जा रहा है। वहां हेल्थ सेंटर से दवा लेने के बाद लंका पर साइबर कैफे जायेगा। वहां उसे कुछ काम है लेकिन प्लैन के मुताबिक वह घर से निकला और दोस्तों संग पहुंच गया मौत के मुंह में। वहीं अमित की मां कलावती अपने सबसे बडे़ बेटे का इंतजार ही करती रह गई।

Posted By: Inextlive