रेलवे के खाली पड़े मकानों को बदमाश बनाते ठिकाना

दावत से लेकर माशूकाओं संग बेरोकटोक करते रहते मौज

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

शाहपुर एरिया में रेलवे कॉलोनियों के खाली पड़े कर्मचारी आवास एय्याशी के अड्डे बन गए हैं। क्षेत्र में सक्रिय मनबढ़ और आपराधिक प्रवृत्ति युवक जबरन ताला तोड़कर कब्जा जमा लेते हैं। अवैध ढंग से निवास करने वाले युवकों की टोली रोजाना दावत से लेकर माशूकाओं संग मौज-मस्ती करने के लिए आउट हाउस सरीखे जगहों को यूज करती है। बुधवार रात जिस कमरे में दावत चल रही थी, वह फोर्थ क्लास कर्मचारी के नाम से एलाट है। जिसमें शेरू और मंटू अक्सर आते-जाते थे। बगल में खाली पड़े आवास के एक कमरे में फर्श पर चद्दर पसरी थी। उस मकान को दो माह पूर्व खाली किया गया था। घटना के बाद दावत वाले कमरे के अगल-बगल रहने वाले लोग ताला बंद कर भाग निकले। दावत वाले कमरे के बगल में रेलवे अधिकारी के घर काम करने वाली एक महिला दो माह से रहती है। जबकि, पास के दूसरे मकान में मिठाई लाल का परिवार रहता है। मिठाई की पत्नी शंकुतला भी रेलवे बंगलों में काम करती है। पूछताछ के लिए शकुंतला के बेटे अजीत को पुलिस ने थाने बुलाया था।

प्रापर्टी डीलर का गनर बनकर चलता है आरोपी

शाहपुर पुलिस का कहना है कि बदमाशों की गोलियों का शिकार रमेश यादव शाहपुर थाना का गैंगेस्टर है। 2017 में उसके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। 2014 में रानू के खिलाफ भी देवरिया, रूद्रपुर में मर्डर का मुकदमा दर्ज था। छानबीन में पता लगा है कि आरोपित शेरू भी एक प्रापर्टी डीलर संग गनर के रूप में चलता है। दोनों की मनबढ़ई से आसपास आवासों में रहने वाले लोग कभी कोई आपत्ति नहीं जताते थे। घटना स्थल पर हांडी में मीट, पांच-छह जूठी प्लेट और शराब-बीयर की खाली बोतलें मिली। राजेश का सूद का कारोबार भी है। ढाई साल के बेटे रूद्र का पिता रानू गांव में रहकर पोल्ट्री फार्म चलाता था।

रेलवे की सुस्ती, पुलिस नहीं करती जांच

रेलवे के आउट हाउस में अवैध रूप से रहने वालों की छानबीन नहीं होती। रेलवे के अधिकार क्षेत्र का मामला होने से पुलिस हस्तक्षेप नहीं करती। रेलवे अधिकारियों की सुस्ती से अवैध ढंग से रहने वाले लोगों पर शिकंजा नहीं कस पाता। दावत करने के अलावा कुछ लोग युवतियों संग आकर रात भी गुजारते हैं। दिन में भी आने जाने वालों को डर की वजह से कोई नहीं टोकता है।

छह प्लेटों में थे जूठन, मारी गई तीन-तीन गोलियां

गुरुवार शाम रानू और रमेश का पोस्टमार्टम हुआ। रानू और रमेश को तीन-तीन गोलियां मारी गई थी। रानू के सीने और सिर में एक-एक गोली फंसी थी। जबकि, रमेश के सिर से पोस्टमार्टम में एक गोली निकली है। घटनास्थल पर तीन गोलियां पहले ही बरामद हुई थीं। चर्चा है कि दावत में रानू के बड़े भाई अनुराग को शामिल होना था। रमेश के साथ उसे भी दावत में शरीक होने जाना था। संयोगवश वह नहीं पहुंच सका। मर्डर का प्लान कर दावत अरेंज की गई।

शेरू और मंटू नामजद, पुराने रंजिश की तहरीर

रानू उर्फ अरविंद के पिता राजेश सिंह ने शेरू और मंटू के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 2014 में उनके गांव में एक मर्डर हुआ था। इसमें राजेश सिंह का पक्ष मुल्जिम था। आरोप है कि उसी रंजिश का बदला लेने के लिए उनके बेटे को दावत के बहाने बुलाया गया। शेरू, मंटू सहित पांच-छह लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके पुलिस छानबीन में जुटी है।

वर्जन

तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। घटना की छानबीन चल रही है। घटना से संबंधित सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है।

विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive