अपने आस-पास कई लोगों को बिल्लियों को पालते हुए ज़रूर देखा होगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी पालतू-प्यारी बिल्ली आपके दिमाग़ को नियंत्रित कर सकती है.


आपको यकीन नहीं हो रहा है ना, लेकिन वैज्ञानिक इसकी सत्यता को परख चुके हैं.पहले बात बिल्ली के पालतू होने की. मनुष्यों ने करीब 12 हज़ार साल पहले बिल्ली को पालतू बनाया. मौजूदा समय में दुनिया भर में करीब 60 करोड़ बिल्लियां पालतू हैं. यानी हर 12 आदमी पर एक बिल्ली पालतू है.वैसे इन तीन अहम वजहों को जानने के बाद आपको पता चलेगा कि बिल्ली किस तरह से हमारे दिमाग को नियंत्रित करती है.1. बिल्ली को आपकी परवाह नहींआप भले बिल्ली की परवाह करते हों लेकिन बिल्ली आपकी परवाह नहीं करती. टोक्यो यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक बिल्ली आपकी आवाज़ को पहचानती है.ससेक्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक केरेन ह्यूम हर दिन अपनी बिल्ली की अजीबोग़रीब आवाज़ से सुबह सुबह जग जाती थीं. उन्होंने अपनी बिल्ली की आवाज़ पर ही अध्ययन करना शुरू किया.
उन्होंने पाया कि बिल्ली दो फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकाल सकती है. एक आवाज़ स्लो फ्रीक्वेंसी वाली होती है जबकि दूसरी आवाज़ हाई फ्रीक्वेंसी की होती है. हाई फ्रीक्वेंसी की आवाज़ 380 हर्टज़ की हो सकती है.ये वही फ्रीक्वेंसी है जिसमें कोई बच्चा रोते हुए आवाज़ निकालता है.


यानी बिल्ली जब हाई फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकालती है तो आपको किसी बच्चे के रोने का आभास होता है. भूख लगने पर वो ऐसी आवाज़ निकाल सकती है ताकि आप उसे खाना खिलाएं.3. व्यवहार पर बिल्लियों का प्रभावकुछ दूसरे वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक बिल्ली के अंदर कई ऐसे परजीवी होते हैं जो हमारे दिमाग और व्यवहार को प्रभावित करते हैं.तो दुनिया भर में कितने लोग बिल्ली की वजह से परजीवी संक्रमण के शिकार हो जाते हैं. अमरीका में क़रीब 10 फ़ीसदी और दुनिया भर में 30 से 50 फ़ीसदी लोग ऐसे संक्रमण की चपेट में हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh