तीन साल में आइआइएम का नया इको फ्रेंडली कैंपस
RANCHI: आईआईएम रांची का नया इको फ्रेंडली व हाई टेक कैंपस तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा। ख्0क्9 के एकेडमिक ईयर से नए कैंपस में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह जानकारी गुरुवार को आईआईएम के डायरेक्टर इंचार्ज प्रो आनिंदो सेन ने सूचना भवन में दी, जहां आईआईएम को परमानेंट कैंपस बनाने के लिए जमीन हैंडओवर की गई। रांची एडिशनल कलेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा व नगड़ी सीओ वैद्यनाथ कामती ने आईआईएम के डायरेक्टर को जमीन का पेपर हैंड ओवर किया। प्रो सेन ने कहा कि जमीन मिल गई है। अब जल्द ही कैंपस बनाने का काम शुरू होगा। कैंपस में सोलर पावर की सप्लाई होगी। आर्किटेक्चर फ र्म और डिजाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द होगी।
एचईसी में म्0 एकड़ जमीनएडिशनल कलेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि आईआईएम को परमानेंट कैंपस बनाने के लिए एचईसी में म्0 एकड़ जमीन दी गई है। जमीन से जुड़ी कोई परेशानी अब आईआईएम को कैंपस बनाने के लिए नहीं आएगी। हर परेशानी को राज्य सरकार दूर करेगी। आईआईएम को जब भी जरूरत होगी सरकार मदद करेगी।
वाई फाई होगा कैंपसनए कैंपस में मुख्य इंस्टीट्यूट बिल्डिंग में कई क्लास रूम होंगे। इसमें टू.वे कम्युनिकेशन स्टूडियो होगा। इसमें ब्रांड बैंड प्लेटफ ार्म और ब्राडकास्टिंग फैसिलिटी होगी, जो सभी हॉस्टल रूम और एक्सटर्नल सेंटर से जुड़ी होगी। इसके अलावा यहां डिस्टेंस लर्निंग के लिए वर्चुअल लर्निंग फैसिलिटी की सुविधा भी होगी।
जुलाई ख्0क्0 में शुरू हुआ आईआईएम जुलाई ख्0क्0 में ब्ब् छात्रों के साथ आईआईएम अस्थाई कैंपस में शुरू हुआ था। उसके बाद ख्0क्ख् में कांके के नगड़ी में सरकार ने आईआईएम को स्थाई कैंपस बनाने के लिए 7म् एकड़ जमीन दी। इस पर दो करोड़ रुपए खर्च कर बाउंड्री का निर्माण कराया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन देने का विरोध किया और बाउंड्री तोड़ दी। इसके बाद आईआईएम को कैंपस बनाने के लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा कांके ब्लॉक के चेरी में 90 एकड़ जमीन दी गई। ख्9 अप्रैल ख्0क्फ् को तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री एम पल्लम राजू द्वारा इसका शिलान्यास भी किया गया था। लेकिन, शिलान्यास के तुरंत बाद ही चेरी में ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। शिलापट्ट को उखाड़ कर फेंक दिया गया। ग्रामीण अपनी जमीन आईआईएम को नहीं देना चाहते थे।