प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे 'अन्याय और अहंकारी सरकार के खिलाफ जीत' करार दिया है। वहीं कांग्रेस के अन्य नेताओं का कहना है कि सरकार का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव के डर से प्रेरित है।


नई दिल्ली (एएनआई / आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ इस जीत पर बधाई। जय हिंद, जय हिंद का किसान! कांग्रेस इस बात से खुश है कि कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं क्योंकि राहुल गांधी किसानों का समर्थन कर रहे हैं और वापसी की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, "गांधीवादी आंदोलन ने अपनी ताकत दिखाई है और सरकार को मजबूर किया है।" कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "संघर्ष की जीत, अहंकार मरा, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद। पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत लंबे समय तक जियो।


कांग्रेस बोली यह फैसला आगमी चुनाव के डर से प्रेरित

प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद, कांग्रेस ने इसे 'आगामी चुनावों के मद्देनजर लिया गया निर्णय' करार दिया। कांग्रेस का कहना है कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अगले साल की शुरुआत में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले हुई है। इन राज्यों में, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसलिए सरकार का यह फैसला चुनाव के डर से प्रेरित है। इन तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे थे किसानबतादें कि देश की राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले साल नवंबर से किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 , किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 का लगातार विरोध हो रहा था। ऐसे मे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर 26 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सीमा पर पहुंचे थे।

Posted By: Shweta Mishra