RANCHI: झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप 26 चक्र की सुरक्षा दस्ता में घिरा रहता है। दिनेश गोप के कर्रा, लापुंग, गुमला एरिया में किसी के प्रवेश के बाद उन 26 सुरक्षा चक्रो को पार कर जाना होता है। यह खुलासा रांची और खूंटी में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ के बाद जेल में बंद उसके कई नक्सली साथियों ने किया है। कई बार रांची, गुमला और खूंटी पुलिस ने उसकी सुरक्षा को भेदने का प्रयास किया, लेकिन उसके पहले ही दिनेश गोप वहां से फरार हो गया। गौरतलब हो कि इस मुठभेड़ में दिनेश गोप का राइट हैंड प्रभु सहाय भेंगरा ढेर हो गया था।

स्थानीय देते हैं पुलिस की सूचना

दिनेश गोप को पकड़ने के लिए जिस पुलिस अधिकारी ने जाल बिछाया, उसके पहले ही स्थानीय लोगों के जरिए उसे पता चल जाता है और वह वहां से फरार हो जाता है।

आर्मी ड्रेस में रहता है दिनेश गोप

दिनेश गोप अक्सर आर्मी ड्रेस में ही रहता है। सूचना के मुताबिक, जब वह कहीं आता-जाता है तो केवल उसकी पहली सुरक्षा में रह रहे लोगों को ही पता चल पाता है।

देता है रोजगार का लालच

दिनेश गोप बेरोजगारों को रोजगार का लालच देता है। इसी लालच में कई युवक उसके गिरोह में शामिल होते हैं। उसके गिरोह में डाकिया से लेकर कारबाईन तक चलाने वाले युवक शामिल हैं। गिरोह के लोगों को पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद उसे छुड़ाने के लिए पैसे देकर वकील भी हायर किया जाता है।

फंडिंग में पीएलएफआई आगे

मुठभेड़ के द्वारा दहशत के बल पर कमाई गई अकूत संपत्ति पर पहली बार एनआईए पीएलएफआई के टेरर फंडिंग मामले में रांची, गुमला, खूंटी और कोलकाता के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें फंडिंग में पीएलएफआई को काफी आगे पाया गया।

निवेश से जुड़े दस्तावेज खोलेंगे राज

पीएलएफआई सुप्रीमो और उससे जुड़े नक्सल कैडरों ने कई कंपनियों में अपना निवेश किया है। छापेमारी के दौरान निवेश संबंधी कागजात, निवेश से जुड़ी डायरी भी एनआईए ने बरामद की है। एनआईए ने कई फर्जी पैन कार्ड और कागजात भी बरामद किए हैं। छापेमारी के दौरान 3.41 लाख नगद, फिक्स डिपॉजिट और बैंक अकाउंट के डिटेल मिले हैं। जांच के दौरान एनआईए की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि पीएलएफआई ने कई शेल कंपनियों में भी निवेश किया है। छापेमारी के दौरान 40 मोबाइल फोन भी एनआईए ने जब्त किए हैं।

क्या है पूरा मामला

नोटबंदी के दौरान दिनेश गोप ने रांची स्थित एक बैंक में 25 लाख जमा कराने के लिए एक पेट्रोल पंप के मालिक चंद्रशेखर कुमार को पैसे भिजवाए थे। पैसे गुमला के एक ठेकेदार के जरिए भेजे गए थे। बाद में रांची पुलिस से इस मामले की जांच एनआईए को दे दी गई थी। मामले में एनआईए विनोद कुमार, यमुना प्रसाद, चन्द्र शेखर कुमार और नंदकिशोर, मोहन कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। जबकि दिनेश गोप फरार चल रहा है।

Posted By: Inextlive