पिछले वर्ष तक शहर के कई इलाकों में रातभर सजती थी हंसी-ठिठोली की महफिल, होती थी मौज-मस्ती

इस साल रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर नहीं बजाने के नियम से निरस्त किए गए कवि सम्मेलन

ALLAHABAD: किसी भी शहर की पहचान वहां के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व पर निर्भर करती है। प्रयाग की बात करें तो इसकी धार्मिक व सांस्कृतिक महत्ता सुखद एहसास कराती है। यहां खासतौर से होली के अवसर पर एक से बढ़कर एक अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन हुआ करते हैं, जिसका आनंद उठाने के लिए हजारों की भीड़ रात भर जुटी रहती थी। लेकिन अब प्रयाग की उस हंसी-ठिठोली की वर्षो पुरानी परंपरा पर ग्रहण लग गया है। यही वजह है कि पिछले वर्ष तक कवियों की हंसी-ठिठोली से गुलजार रहने वाले आयोजन रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर की परमीशन ना दिए जाने की वजह से इस बार स्थगित कर दिए गए हैं।

स्थगित होने वाले शहर के आयोजन

- रंग भरी एकादशी के दिन दारागंज के निराला चौक पर पिछले 18 वर्ष से महाकवि निराला सांस्कृतिक संस्थान की ओर से आयोजित होने वाला अखिल भारतीय कवि सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है।

- प्रयागराज सेवा समिति द्वारा पिछले 24 वर्ष से निराला चौक पर मुगदर बारात व अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन कराया जाता था। इस बार 25 फरवरी को सिर्फ मुगदर बारात का ही आयोजन किया गया।

- होलिका दहन की पूर्व संध्या पर पहले जीरो रोड चौराहे और अब पिछले कई वर्षो से केसर विद्यापीठ इंटर कालेज के सामने 28 वर्ष से अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन होता था। उसे स्थगित कर दिया गया है।

बहुत अफसोस हो रहा है कि चौक एरिया में जिस आयोजन को सुनने के लिए रातभर श्रोताओं को भीड़ लगी रहती थी। उसे लाउडस्पीकर की परमीशन ना होने की वजह से स्थगित कर दिया गया है। अगर रात दस बजे की बजाए दो घंटे का समय और बढ़ा दिया गया होता तो हमारी परंपरा अक्षुण्ण बनी रहती।

संजय सिंह, संयोजक हथौड़ा बारात

महाकवि के सम्मान में जिस परंपरा को जन कवि स्व। कैलाश गौतम जी ने शुरू किया था और वह अखिल भारतीय कवि सम्मेलन दारागंज की शान बन गया था। उसे स्थगित करना पड़ रहा है। दुख इस बात का है कि रंग भरी एकादशी से ही होली के त्योहार का शुभारंभ होता था लेकिन इस बार एकादशी पर दारागंज के निवासियों को निराशा हाथ लगी है।

अतुल कुशवाहा, संयोजक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

Posted By: Inextlive