समय से पहुंचे अस्पताल तो बच सकती है जान
-कैंसर डे स्पेशल
-पिछले साल गोरखपुर में बढ़े कैंसर के 51 नए मरीज, डॉक्टरों ने जताई चिंता GORAKHPUR: गोरखपुर सहित देश में साल दर साल कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। विभाग के जागरुकता अभियान चलाने के बाद भी संख्या में कमी नहीं आ रही है। जिससे चिंता बढ़ती जा रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित कैंसर विभाग के एसोसिएट प्रो। डॉ। राकेश रावत ने बताया कि महिलाओं में बच्चेदानी व स्तन कैंसर कामन है। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चेदानी तो शहरी क्षेत्रों में स्तन कैंसर ज्यादातर महिलाओं में हो रही है। डॉक्टरों का मानना है कि अगर समय से प्रांरभिक स्टेज में मरीज अस्पताल पहुंच जाए तो जान बचाई जा सकती है। गोरखपुर में कैंसर रोगी 2015 1730 2016 18342017 1885
स्तन कैंसर के लक्षण -स्तन में गांठ -निपल के आकार में बदलाव। -निपल से रक्त और पानी सरीखे द्रव का रिसाव। -बगल में गांठ होना।-अधिकतर मामलों में स्तन कैंसर की गाठ में दर्द नहीं होता। यही कारण है कि महिलाएं सही वक्त पर डॉक्टर के पास नहीं पहुंचती।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण -पेट या पीठ में दर्द रहना। -पेट का फूलना -माहवारी के अलावा रक्त बहना। -पेशाब में तकलीफ होना। बचाव -रेशे वाले आहार गेहूं चावल हरे पत्ती वाली सब्जियां फल का प्रयोग करना। -हरी ताजी सब्जी चावल, साग मेथी, बंद गोभी का अधिक प्रयोग करना -पीनी सब्जी-गाज, कोहड़ा या कद्दू -ताजे फल-आम, अमरूद, संतरा, आमला आदि का प्रयोग करें। -दूध और दही का अधिक प्रयोग करें। -अंकुरित चना और दाल का अधिक प्रयोग करें। कैंसर से बचाव -शत-प्रतिशत रोकथाम असंभव है। परंतु इसकी संभावनाओं को कम किया जा सकता है। बशर्ते कि व्यक्ति जागरूक रहें। -तंबाकू का प्रयोग न करें। -सूर्य की सीधी किरणों से बचाव करें। -हरी, पीली सब्जियों, रेशेदार फल और भोजन करें। -मोटापे से बचें -वार्षिक डॉक्टरी परीक्षण अवश्य कराएं पूर्वाचल में प्रतिशत के अनुसार विभिन्न प्रकार के कैंसर -बच्चेदानी का कैंसर ((Cancer Cervix) ---20 प्रतिशत - मुख तथा नाक कान गले का कैंसर ((HN Cancer) 20 प्रतिशत-स्तन कैंसर ((Breast Canccer) 17 प्रतिशत
-पित्त की थैली का कैंसर ((Ca Gall Bladder) 12 प्रतिशत -ब्लड कैंसर ((Blood Cancer) 07 प्रतिशत -स्त्रीयों के अंडाशय का कैंसर ((Cancer Ovary) 05 प्रतिशत -पेट का कैंसर ((Cancer Stomach) 05 प्रतिशत -फेफड़े का कैंसर ((Cancer Lung) 05 प्रतिशत -गुर्दा का कैंसर ((Cancer Anorectum) 03 प्रतिशत-अग्नाशय का कैंसर ((Cancer Pancreases) 03 प्रतिशत
-अण्डाकोश का कैंसर ((Testicular Cancer) 02 प्रतिशत -पेशाब की थैली का कैंसर ((Ca Urinary Bladder) 01 प्रतिशत वर्जन यदि व्यक्ति स्वस्थ जीवन जीये तो कैंसर की संभावना कम होती है। इसमें भी अगर प्रारंभिक स्टेज में मरीज डॉक्टर के पास पहुंच जाए तो कुछ हद तक बचाया जा सकता है। जागरुकता के अभाव में मरीज अंतिम स्टेज में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, इस कारण ज्यादातर मामले बिगड़ जाते हैं। मेजर डॉ। एमक्यू बेग, एचओडी कैँसर रोग विभाग