-अपर प्रमुख वन संरक्षक व कंजरवेटर ने किया तिमली जंगल का दौरा, व्यवस्थाएं देखीं

-डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने तिमली जंगल में टाइगर मूवमेंट को ट्रेप करने को लगाए सात कैमरे

-कैमरों से एकत्र डाटा में दिखाई दिया सिर्फ गुलदार का मूवमेंट

VIKASHNAGAR (JNN) : कालसी वन प्रभाग के तिमली जंगल में फ्क् जनवरी की रात में मजार के पास तीन टाइगर दिखने के बाद डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने बाघ का मूवमेंट को ट्रेप करने को अब सात नाइटविजन कैमरे लगाए हैं। जिनसे एकत्र किए डाटा में गुलदार का मूवमेंट कैद हुआ है। जिससे टीम उत्साहित है। टीम रात में कैमरों को उन स्थानों पर बदल-बदल कर लगा रही है, जहां पर टाइगर का मूवमेंट हो सकता है।

आवश्यक दिशा निर्देश दिए

मंडे को अपर प्रमुख वन संरक्षक नियोजन एंव वित्त एसपीएस लेप्चा और कंजर्वेटर मनोज चंदन ने तिमली रेंज का दौरा किया। अधिकारियों ने टाइगर मूवमेंट ट्रेप करने को किए जा रहे प्रयास व होप्लो कीट से ग्रस्त साल के पेड़ों के संबंध में डीएफओ से जानकारी ली और डीएफओ व उनकी टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बताते चलें कि कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के वन कर्मियों को फ्क् जनवरी की देर रात में दिल्ली यमुनोत्री हाइवे पर तिमली जंगल में मजार के पास तीन टाइगर दिखाई दिए थे। करीब एक घंटे तक रोड पर रहे बाघों को वन टीम ने तसल्ली से देखा। लंबे अर्से बाद तिमली के जंगल में टाइगर के मूवमेंट को सुख संकेत मानते हुए व‌र्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड यानि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम विक्रम सिंह तोमर के नेतृत्व में तिमली जंगल पहुंची। टाइगर के मूवमेंट ट्रेप करने के किए जा रहे प्रयास का सोमवार को अपर प्रमुख वन संरक्षक नियोजन एंव वित्त एसपीएस लेप्चा व कंजर्वेटर मनोज चंदन ने तिमली रेंज के दौरे के दौरान जायजा लिया। वन अधिकारियों ने डीएफओ रामगोपाल वर्मा व रेंजर महावीर रावत से होप्लो कीट के साल के पेड़ों पर हो रहे प्रकोप के बारे में भी जानकारी ली।

Posted By: Inextlive