-ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में आधे पोल पर लटका राष्ट्रध्वज

-तिरंगे के अपमान को लेकर रांची के लोगों में नाराजगी

RANCHI: राष्टृध्वज तिरंगे का जितना मजाक रांची में हो रहा है। उतना शायद ही कहीं हुआ हो। जी हां, पहाड़ी मंदिर में लगाया गया देश का सबसे ऊंचा तिरंगा आधे पोल पर ही लटक रहा है, जो शोक का प्रतीक है। इस कारण रांची के लोग तो शर्मिदगी महसूस कर ही रहे हैं, साथ ही मामले में सीएम की चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है। लोगों का कहना है कि यदि सही से तिरंगा फहरा नहीं सकते, तो बंद कीजिए यह सब। आखिर राष्ट्रध्वज का अपना क्यों करा रहे हैं

पोल के बीच में तिरंगा

इसे टेक्निकल नाकामी मानें या पहाड़ी मंदिर पर तिरंगा झंडा लगवाने वाली कमिटी की लापरवाही कि यह तिरंगा जब से लगाया गया है उसके बाद से कभी भी एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक सही-सलामत नहीं रह पाया। अब तक चार बार फट चुका है। इसे उतारना पड़ा। सबसे बड़ी बात यह है की हर बार तिरंगे को बदल कर खानापूर्ति कर दी जा रही है, लेकिन इसके स्थाई समाधान की पहल नहीं की जा रही है।

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नेशनल ऑनर एक्ट क्97क् के सेक्शन क् के ख्.ख् के दूसरे सेक्शन में इस बात का साफ उल्लेख है कि फटा हुआ या मटमैला झंडा नहीं फहराना है। ऐसी स्थिति में उसे पूरे सम्मान के साथ नष्ट करने का नियम है। साथ ही राष्ट्रीय शोक के समय ही तिरंगा को आधा झुकाया या फहराया जा सकता है।

बॉक्स।

ख्फ् जनवरी को फहराया गया था तिरंगा

ख्फ् जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे फहराया था। रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर पर फहराए जाने वाले इस तिरंगे की ऊंचाई करीब ख्भ्ब् फीट है। इसे फहराने के पहले बकायदा मेकॉन जैसी एजेंसी से राय विमर्श किया गया। बावजूद हर बार तिरंगा फट रहा है। इतना ही नहीं, यह ऐसा लोकेशन है जहां से वीआईपी सड़क हरमू रोड एकदम बगल में है। उसी सड़क से सूबे के आला अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री और गवर्नर तक की मूवमेंट होती है। लेकिन किसी की नजर अब तक नहीं पड़ रही है। ऐसे में लोगों में अब इसको लेकर नाराजगी है।

क्या कहते हैं जिम्मेवार

पहाड़ी मंदिर पर लगाया गया तिरंगा न तो ऊपर जा पा रहा है और न ही नीचे आ पा रहा है। इसमें टेक्निकल टीम काम कर रही है। अगले ब्8 घंटों में झंडे को उतारकर ठीक कर लिया जाएगा।

-मुकेश अग्रवाल, प्रवक्ता, पहाड़ी मंदिर विकास समिति

Posted By: Inextlive