-शहर में 250 कॉलोनियों की बुनियाद केवल तलपट मानचित्र के आधार पर

-यूपी में 2700 कॉलोनियां अवैध, बिल्डर का चल रहा गोरखधंधा

- मानचित्र दाखिल कर स्वीकृत का दावा करते बिल्डर

Meerut। शहर में एमडीए स्वीकृत कॉलोनियों के नाम पर हेराफेरी का बड़ा खेल चल रहा है। कुछ घाघ बिल्डर न केवल एमडीए के नाम पर लोगों के साथ खुली ठगी कर रहे हैं, बल्कि प्राधिकरण के राजस्व को मोटा फटका भी लगा रहे हैं। शहर में अवैध निर्माण का खुलकर चल रहा यह गोरखधंधा एमडीए की कार्यशैली पर कई सवालिया निशान लगा रहा है।

क्या है मामला

दरअसल, शहर में अवैध कॉलोनियों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। एक सर्वे के मुताबिक शहर में 550 से अधिक अवैध कॉलोनियां हैं। एमडीए के मास्टर प्लान का गणित बिगाड़ रही ये अवैध कॉलोनियां शहर में रातोंरात नहीं खड़ी हुई हैं, बल्कि इसके पीछे काम करता है एमडीए अफसरों और बिल्डर्स का घालमेल। हालत यह है कि एमडीए अफसरों की मिलीभगत से अवैध निर्माणों का यह गोरखधंधा दिन रात चलता रहता है। इसी का नतीजा है कि शहर में अभी तक ऐसी सैकड़ों कॉलोनियां डेवलप हो चुक हैं।

क्या है तलपट नक्शा

फरेब के इस खेल में बिल्डर कॉलोनी काटने से पूर्व एमडीए में कॉलोनियों का तलपट मानचित्र दाखिल करता है। इस तलपट मानचित्र के आधार पर एमडीए से बिल्डर को नंबर मिल जाता है। जिसका मिस्यूज कर बिल्डर कॉलोनी को गलत तरीके से एमडीए अप्रूव्ड दिखाता है। जबकि कॉलोनी को अप्रूव्ड कराने के लिए बिल्डर को लेआउट प्लान के साथ विकास शुल्क की राशि जमा करनी होती है। ऐसे में बिल्डर तलपट मानचित्र के आधार पर ही कॉलोनी को एमडीए अप्रूव्ड बताकर सारे प्लॉट बेच डालता है। खरीदार को जब इसका पता चलता है तो वह ठगा महसूस करता है।

बिल्डर हो जाते हैं रफूचक्कर

एक आरटीआई के जवाब के मुताबिक शहर में ऐसी 252 से अधिक कॉलोनियां हैं, जिनका तलपट मानचित्र दाखिल करने के बाद लेआउट स्वीकृत नहीं कराया गया। जबकि पूरे प्रदेश में ऐसी 2700 कॉलोनियां चिह्नित की गई हैं। इस तरह के केसों में बिल्डर अवैध तरीके से कॉलोनी में आधा-अधूरे विकास कार्य छोड़कर फरार हो जाता है। बदहाली से तंग वहां के निवासी जब एमडीए से विकास कार्यो की गुहार लगाते हैं, तो कॉलोनी को अवैध पाकर अपने को लुटापिटा पाते हैं।

इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अवैध और वैध कॉलोनियों की सूची को एमडीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। जानकारी होने पर कार्रवाई की जाती है।

-अवनीश शर्मा, सचिव एमडीए

मैं यह मामला एमडीए बोर्ड बैठक में कई बार उठा चुका हूं। एमडीए के नाम पर कुछ बिल्डर सीधे-साधे लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

-डॉ। राजेश, सदस्य एमडीए बोर्ड

Posted By: Inextlive