जिन स्टूडेंट्स को अपनी एबिलिटीज एप्टीट्यूड व इंटेलिजेंस का अंदाजा होता है उनके लिए करियर से जुड़ा डिसीजन लेना मुश्किल नहीं होता। एप्टीट्यूड टेस्ट्स स्टूडेंट्स को ऐसे ही पर्सनालिटी ट्रेट्स डिस्कवर करने में हेल्प करते हैं। आप भी इस टेस्ट का हिस्सा हो सकते हैं... नॉलेज पार्टनर पीएसआईटी कानपुर के साथ कंडक्ट किया जा रहा इंडियन इंटेलिजेंस सीजन- 6


newsroom@inext.co.inहमारे एजुकेशन सिस्टम में ऐसा कोई पैरामीटर नहीं है, जिससे स्टूडेंट्स के अंदर छिपी इंटेलिजेंस को जानकर उन्हें सही करियर चुनने में हेल्प दी जा सके। स्कूल्स में होने वाले एग्जाम्स सिलेबस पर बेस्ड होते हैं और उनसे स्टूडेंट के एप्टीट्यूड का कोई अंदाजा नहीं मिलता। यही कारण है कि समय के साथ एप्टीट्यूड टेस्ट्स की जरूरत महसूस की जाने लगी, क्योंकि ऐसे टेस्ट्स पर्सनालिटी ड्रिवेन होते हैं। दैनिक जागरण समूह द्वारा कंडक्ट कराए जा रहे इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट में अपियर होकर आप भी अपनी इंटेलिजेंस के बारे में जान सकते हैं। पश्चिमी देशों में एजुकेशन का पैटर्न इंटेलिजेंस पर बेस्ड होता है और उसी के अनुसार सिलेबस भी होता है, पर अपने देश में अभी यह कांसेप्ट लागू नहीं है, इसलिए ऐसे टेस्ट की जरूरत और भी बढ़ जाती है।

ताकि स्ट्रेस में ना आएं बच्चे
मल्टीपल इंटेलिजेंस की थ्योरी के जनक प्रोफेसर हॉवर्ड गार्डनर का तर्क था कि हम बच्चों की इंटेलिजेंस को जज किए बिना उनके करियर को सही दिशा नहीं दे सकते। उनके मुताबिक, 'सभी बच्चों का इंटेलिजेंस लेवल अलग-अलग होता है, जिसके कारण वह चीजों को अलग तरह से समझते हैं, परफॉर्म करते हैं और याद रखते हैं। वे मानते थे कि सभी स्टूडेंट्स को एक ही पैरामीटर पर जज करने और उस आधार पर उनके साथ भेदभाव करने से बच्चे अपनी एबिलिटी के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाते और आगे जाकर स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं।

कई मायनों में यूनीक है टेस्टवैसे तो कई इंडिपेंडेंट ऑर्गेनाइजेशन्स, काउंसिलिंग एजेंसीज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स एप्टीट्यूड इंटेलिजेंस टेस्ट कंडक्ट कराते हैं, लेकिन ये टेस्ट्स काफी एक्सपेंसिव होते हैं। जाहिर है अपनी लेस एफॉर्डेबिलिटी के चलते इनकी पहुंच भी सीमित होती है। यही नहीं, ये टेस्ट्स स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की काउंसिलिंग या फिर गाइडेंस प्रोवाइड नहीं करते। वहीं जागरण समूह द्वारा कंडक्ट कराया जाने वाला इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट काफी एफॉर्डेबल है। इसमें क्लास 5-12 तक के स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट कर सकते हैं। अपियर होने वाले स्टूडेंट्स को सही गाइडेंस देने के लिए प्रोफेशनल्स द्वारा उनकी काउंसिलिंग भी करवाई जाती है। ये प्रोफेशनल्स स्टूडेंट्स के रिजल्ट को एनालाइज करके उन्हें सही करियर की एडवाइस भी देते हैं।

इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट 2018 - 19 अगस्त को है सीजन-6, तुरंत करें रजिस्ट्रेशन

Posted By: Chandramohan Mishra