-एमडीए की योजनाओं में 6.80 लाख मीटर जमीन पर अवैध कब्जा

-अर्जित भूमि निकाल कर होगी प्लॉटिंग, आवंटियों को मिलेंगे कब्जे

Meerut .अपनी विभिन्न योजनाओं में अवैध चंगुल में फंसी जमीनें निकालने के लिए एमडीए ने कवायद तेज कर दी है। शहर में एमडीए द्वारा अर्जित की गई जमीनों का सटीक लेखा-जोखा रखने के लिए एमडीए प्रशासन ने जमीन के रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। प्राधिकरण वीसी ने इसके लिए समस्त योजनाओं में जमीन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

68 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा

दरअसल, शहर में मेरठ विकास प्राधिकरण की सैकड़ों बीघा जमीन पर भू-माफियाओं और किसानों ने कब्जा जमाया है। एक रिकॉर्ड में यह आंकड़ा 68 हेक्टेयर यानी 6.80 लाख मीटर सामने आया था। इस तरह से एमडीए का अच्छा खासा लैंड बैंक हवा में गुम हो चुका है। एमडीए सूत्रों की मानें तो गंगानगर, शताब्दी नगर और वेदव्यासपुरी आदि योजनाओं में ही प्राधिकरण की पांच लाख मीटर जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में है।

680 करोड की आय

नई कवायद के अनुसार दबी हुई जमीनें निकलने से के वर्तमान रेट के आधार पर एमडीए को 680 करोड़ की नेट आय प्राप्त होगी। दरअसल, विभिन्न योजनाओं में एमडीए की जमीन का रेट 10,000 रुपए प्रति मीटर से कम नहीं है। ऐसे में यदि 6.80 लाख मीटर जमीन मिलने पर प्राधिकरण को लगभग 680 करोड़ की आय प्राप्त हो सकती है, जिसे प्राधिकरण अपनी नई योजनाओं में इन्वेस्ट कर सकता है।

प्लॉट्स से हटेंगे कब्जे

गंगानगर, शताब्दीनगर और लोहियानगर आदि योजनाओं में अर्जित जमीन पर प्लॉटिंग कर एमडीए उसको बेच चुका है। लेकिन किसानों के साथ मुआवजा विवाद और अवैध कब्जों के चलते अधिकांश आवंटियों को भूमि पर भौतिक कब्जा नहीं मिल सका है। ऐसे में जमीनों से कब्जा हटते ही आवंटियों को प्लॉटों का भौतिक कब्जा भी प्राप्त हो सकेगा।

वीसी ने दिखाई सख्ती

जमीनों पर अवैध कब्जों की शिकायत पर एमडीए वीसी योगेन्द्र यादव ने सख्ती दिखाते हुए जमीनों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। वीसी ने अपनी योजनाओं में दबी हुई जमीने निकालने के लिए लैंड ऑडिट कराकर सभी जमीनों का रिकार्ड रखने के निर्देश दिए हैं।

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सभी योजनाओं में प्राधिकरण की जमीनों का सर्वे कराया जाएगा। इस दौरान भू-माफियों द्वारा कब्जाई गई जमीनों को कब्जा मुक्त कराकर इस्तेमाल में लिया जाएगा।

शबीह हैदर, एसई एमडीए

Posted By: Inextlive