संसद पर हुए हमले की 14वीं बरसी पर आज शहीदों को याद कर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी गई। संसद परिसर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सोशल मीडिया पर भी श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री ने भी शहीदों को याद किया। आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने संसद को निशाना बनाया था।

परिजनों से मुलाकात
संसद पर हुए हमले की 14वीं बरसी पर पर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर पर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि पूरे देश को उनकी शहादत पर गर्व है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्वीटर पर भी शहीदों को याद किया। संसद परिसर में इस श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में  लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी आदि नेताओ ने शहीदों को नमन किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी शहीदों को याद किया। कई बड़े नेताओं ने शहीदों के परिजनों से भी इस खास दिन पर मुलाकात की। वहीं श्ाहीदों के परिवार वालों ने भी इस दिन उन्हें याद कर श्रद्धाजंलि दी। शहीद हेड कॉन्सटेबल के परिवार ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ का आयोजन किया।

We remember the valour of all those who lost their lives defending the temple of democracy, on this day in 2001. pic.twitter.com/5cECx6X6ap

— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2015


आंतकी को फांसी मिली

गौरतलब है कि आज ही के दिन 13 दिसंबर, 2001 को रोज की तरह संसद की कार्यवाही चल रही थी। दोनों सदन गोलीबारी से करीब 40 मिनट पहले ही स्थगित हुए थे। इसी बची सुबह करीब 11.25 पर एके-47 बंदूकों और हैंड ग्रेनेड से लैस जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने संसद पर हमला कर दिया था। इस दौरान आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हो गए थे। इसके अलावा करीब 16 जवान इस मुठभेड़ में घायल हुए। हालांकि बाद में हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू पुलिस के हत्थे चढ गया था। ऐसे में उसे 4 अगस्त, 2005 को फांसी की सजा सुनाई गई लेकिन राष्ट्रपति के बाद दया याचिका दायर करने से वह बच गया। ऐसे में लंबी कानूनी प्रकिया के बाद उसे 9 फरवरी, 2013 को दिल्ली की तिहा‌ड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।

 

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Posted By: Shweta Mishra