19 अप्रैल 1975 को भारत ने रूस की मदद से अपना पहला सैटेलाइट भेज कर अंतरिक्ष में कदम रखा था। भारत के पहले सैटेलाइट का नाम शून्‍य की खोज करने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर था। आर्यभट्ट पांचवी शताब्‍दी के सबसे महान खगोलविद और गणितज्ञ थे। 42 सालों बाद फरवरी 2017 में भारत ने एक साथ छह अन्‍य देशों के 104 उपग्रहों को छोड़ कर एक नया विश्‍व रिकॉर्ड बनाया था। 42 सालो में भारत ने खुद को इतना विकसित कर लिया है कि अन्‍य देशों के उपग्रहों को किफायती लागत में लॉन्‍च कर सकता है।


1- आर्यभट्ट 1975 आर्यभट्ट उपग्रह को इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन इसरो ने सोवियत यूनियन की मदद से बनाया था। इसे सैटेलाइट को सोवियत यूनियन ने ही लॉन्च किया था। आर्यभट्ट भारत और सोवियत यूनियन के बीच हुये एक एग्रीमेंट के बाद लॉन्च किया गया था। इस एग्रीमेंट को यूआर राव ने 1972 में साइन किया था। जिसके तहत सोवियत रूस भारतीय बंदरगाह को प्रयोग जहाजों को ट्रेक करने के लिये करेगा बदले में रूस भारत की सैटेलाइट लॉन्च करने में मदद करेगा। आर्यभट्ट को कपुस्तीन यार रॉकेट के जरिये लॉन्च किया गया था। इसके लिये कासमोस 3 एम लॉन्च वीहकल का प्रयोग किया गया था। आर्यभट्ट को एक्स रे एस्ट्रोनॉमी, एरोनॉमिक्स और सोलर फिजिक्स में प्रयोग को समझने के लिये बनाया गया था। आर्यभट्ट को पूरी तरह से सोलर सेल से ढका गया था।3- पोलार सैटेलाइट लॉन्च वीहिकल1993


पोलार सैटेलाइट लॉन्च वीहिकल को 1990 में तैयार किया गया था। इसके जरिये अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च किये जाते हैं। 1993 में पीएसएलवी ने पहला सैटेलाइट लॉन्च किया था। इसके जरिये ही चन्द्रयान और मंगलयान को भी अंतरिक्ष में भेजा गया था। पीएसएलवी 19 देशों के 40 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुका है।5- मंगलयान 2014

इसरो ने 2014 में मंगलयान को मंगलग्रह पर भेज कर खुद को उन देशों की सूची में शामिल कर लिया था जिन्होंने मंगल पर अपने यान भेजे थे। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 450 करोड़ रुपये थी जो अन्य देशों के मार्स प्रोजेक्ट के मुकाबले कम थी। मंगलयान को मंगल पर मीथेन गैस के प्रमाण लेने और वहां के मौसम को समझने के लिये भेजा गया था। https://img.inextlive.com/inext/inext/Mangalyaan-190417.jpg6- इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम 2016भारत ने सात सैटेलाइट की मदद से अपना सैटेलाइट नैविगेशन सिस्टम लॉन्च किया था। इसका काम नक्शा तैयार करना, जियोडेटिक आंकड़े जुटाना, समय का बिल्कुल सही पता लगाना, चालकों के लिए दृश्य और ध्वनि के जरिये नौवहन की जानकारी, मोबाइल फोनों के साथ एकीकरण, भूभागीय हवाई तथा समुद्री नौवहन तथा यात्रियों तथा लंबी यात्रा करने वालों को भूभागीय नौवहन की जानकारी देना हैं।8- 104 सैटेलाइट 2017

19 अप्रैल 1975 में भारत ने रूस की मदद से अपना पहला उपग्रह लॉन्च किया था। 42 वर्षो बाद फरवरी 2017 में भारत ने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर विश्व जगत में इतिहास रच दिया। ये 104 उपग्रह इसरो द्वारा पोलार सैटेलाइट लॉन्च वीहिकल से भेजे गये थे। पीएसएलवी सी 37 अपने साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च किये थे। ये लॉन्च सतीश धवन स्पेश सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर किया गया था। 17 मिनट बाद रॉकेट ने सैटेलाइट को आर्बिट में छोड़ना शुरु किया था। 104 सैटेलाइट में 101 सैटेलाइट अन्य छह देशों के थे। जिसमें से 96 यूएस, 1 इजराइल, 1 यूएई, 1 नीदरलैंड, 1 स्वीटजरलैंड और 1 सैटेलाइट कजाकिस्तान का था। इससे पहले सर्वाधिक सैटेलाइट छोड़ने का रिकॉर्ड रसियन स्पेश एजेंसी के पास था। रासिया ने एक साथ 37 उपग्रह लॉन्च किये थे। ये मिशन जून 2014 में पूरा किया गया था। जून 2015 में भारत ने एक साथ 23 उपग्रहों को लॉन्च किया था।

Posted By: Prabha Punj Mishra