सरकारी फरमान : अधिकारियों को बचानी है नौकरी, तो अपने घर में बनवाएं टॉयलेट
शपथ-पत्र भी देना होगा
राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विभागों में संविदा, दैनिक वेतन भोगी या निश्चित वेतनमान पर कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की सेवा अवधि तभी बढ़ाई जाएगी. जब संविदा अधिकारी-कर्मचारी अपने घरों में शौचालय होने व उपयोग करने का शपथ पत्र देंगे. सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने सभी संभागायुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, विभाग प्रमुख को आदेश जारी किया है.
3 महीने का नोटिस
जारी आदेश में जिला अधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में अधिकारी-कर्मचारियों को आदेश का पालन कराने कहा गया है. इसके अलावा नियमित अधिकारी-कर्मचारियों को अपने-अपने घरों में शौचालय होने व उपयोग करने का शपथ पत्र देने का आदेश दिया है. जिन अधिकारी-कर्मचारी के घरों में शौचालय नहीं है. उन्हें तीन माह के भीतर घरों में शौचालय निर्माण कराने का कहा गया है.
आदेश में यह तर्क दिया
राज्य शासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत सभी अधिकारी-कर्मचारियों को शौचालय बनाने व उपयोग करने का शपथ पत्र के लिए आदेश दिया है. शासन से जारी आदेश में यह तर्क दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विभाग, पंचायत राज संस्थाओं में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें अधिकांश कर्मचारी संविदा, दैनिक वेतन भोगी, निश्चित मानदेय कर्मचारी हैं. सभी अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीणों के बीच में रहते हैं. इसलिए शौचालय के महत्व व उपयोग के संबंध में बेहतर जानकारी व सुझाव दे सकते हैं.
तीन माह के भीतर टॉयलेट बनवाने के इन्हें मिले निर्देश-
- शिक्षक, शिक्षाकर्मी
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका
- सिपाही, स्वास्थ्य कार्यकर्ता
- कोटवार, रोजगार सहायक
- पंचायत सचिव, साक्षरता प्रेरक
- पटवारी, कृषि विभाग के कर्मचारी|