- एक स्कूल के कार्यक्रम में दून पहुंचे सुशील कुमार

- कहा टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए लाऊंगा गोल्ड

DEHRADUN: मैं लगातार कुश्ती लड़ रहा हूं और लड़ते रहना चाहता हूं, यह कहना है कुश्ती किंग सुशील कुमार का। वे सिटी के एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में खेलों के लिए बेहतर माहौल बना है, अब जरूरत भारत की बेटियों को भी खेलों के प्रति ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाए।

टोक्यो ओलंिपक पर नजर

ख्008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और ख्0क्ख् लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले सुशील ने कहा कि रियो ओलंपिक के लिए काफी तैयारी की थी, लेकिन ओलंपिक में जा नहीं सका जिसका मुझे मलाल है। उन्होंने कहा कि अगर ख्0ख्0 टोक्यो ओलंपिक में खेलने का मौका मिला तो जरूर देश के लिए स्वर्ण पदक जीतूंगा। सुशील ने रियो ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पीवी संधू व साक्षी मलिक की जमकर तारीफ की और कहा कि भारत की बेटियां भी अब खेलों में दमखम दिखा रही हैं। हमें खेलों में बेटियों को और ज्यादा प्रोत्साहन देना होगा ताकि वे ज्यादा से ज्यादा खेलों के प्रति प्रेरित हों।

ओलंपिक हर पहलवान का सपना

सुशील कुमार के गुरु और द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबली सतपाल ने कहा कि एक समय था जब खिलाड़ी पहलवानी सीखने इस मकसद से आते थे कि उन्हें किसी विभाग में नौकरी मिल जाएगी। सुशील के ओलंपिक में पदक जीतने के बाद खिलाडि़यों का नजरिया बदला है। अब पहलवान ओलंपियन बनने आते हैं। कहा कि मैंने कॉमनवेल्थ से लेकर एशियन गेम्स तक मेडल जीते, लेकिन ओलंपिक में पदक नहीं जीत सका। मेरे इस ख्वाब को सुशील ने पूरा किया। कहा कि पहले ¨हदी केसरी व भारत केसरी नाम से बड़े और प्रतिष्ठित दंगल हुआ करते थे, अब अखाड़े ही कम हो गए हैं।

Posted By: Inextlive