ओलंपिक का इतिहास सालों पुराना है। अब तक न जाने कितने ऐतिहासिक गेम्स खेले गए और उसमें हिस्सा लेने आए एथलीटों ने कीर्तिमान स्थापित किया। ऐसे ही एक एथलीट थे जिन्होंने नकली पैर से तीन गोल्ड मेडल जीते। आइए नजर डालें ऐसे ही ओलंपिक के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

नई दिल्ली (पीटीआई)। टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत एक हफ्ते बाद हो रही है। दुनिया भर के हजारों एथलीट खेलों के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने आ रहे हैं। करीब 15 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में इस बार क्या नया होगा और कौन एथलीट क्या करेगा। यह तो वक्त बताएगा मगर अभी तक खेले गए पिछले ओलंपिक में क्या खास रहा, यह जान लेते हैं।

1904 ओलंपिक में पहली बार गोल्ड मेडल
1904 ओलंपिक गेम्स की खासियत यह थी कि, यह यूरोप के बाहर आयोजित होने वाले पहले विश्वव्यापी ओलंपिक थे। यही नहीं वर्तमान में जो विजेताओं को तीन मेडल (गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज) दिए जाते हैं। वह पहली बार 1904 ओलंपिक गेम्स में ही शुरु किए गए थे। उससे पहले तक गोल्ड मेडल देने की परंपरा नहीं थी। 1904 गेम्स में ही पहली बार मुक्केबाजी, डम्बल, फ्रीस्टाइल कुश्ती और डिकैथलॉन जैसे खेलों ने अपनी शुरुआत की।

नकली पैर से जीता गोल्ड मेडल
अमेरिकी जिमनास्ट जॉर्ज आइजर तमाम एथलीटों के लिए आइडल हैं। 1904 ओलंपिक गेम्स में आइजर ने ऐसा कारनामा किया जिसे आज तक लोग याद रखते हैं। आइजर ने इस ओलंपिक में नकली पैर के साथ गोल्ड मेडल जीता था। आइजर ने अपना बांया पैर एक ट्रेन एक्सीडेंट में खो दिया था उन्होंने कृत्रिम पैर के साथ ओलंपिक में भाग लिया। अपनी दिव्यांगता के बावजूद, उन्होंने तीन स्वर्ण सहित छह पदक जीते।

कुत्तों ने दौड़ा लिया धावकों को
1904 में सेंट लुइस तक पहुंचने में कठिनाई और रूस-जापानी युद्ध के कारण यूरोपीय तनाव के कारण, यहां हुए ओलंपिक में कुल 630 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। सबसे रोचक बात है कि इसमें से 523 एथलीट को अमेरिकी ही थे। यही वजह है कि यूएसए ने कुल 239 पदक जीते - एक ओलंपिक में अब तक सबसे ज्यादा पदकों की संख्या है। यह पहला साल था जब दक्षिण अफ्रीका ने खेलों में भाग लिया। उनके आठ एथलीटों में से दो धावक लेन ताऊ और जान मशियानी थे। दौड़ के बीच में इन धावकों को तक परेशानी हुई जब ट्रैक पर कुछ कुत्ते आ गए और उनसे बचने के लिए ये एक मील तक भागे।

पहली बार ओलंपिक के लिए बना स्टेडियम
1908 का ओलंपिक मूल रूप से रोम में आयोजित होने वाला था मगर 1906 में माउंट वेसुवियस के हिंसक विस्फोट के बाद खेलों को वित्तीय आधार पर लंदन में स्थानांतरित कर दिया गया था। तब पहली बार, विशेष रूप से ओलंपिक के लिए एक स्टेडियम बनाया गया था। व्हाइट सिटी स्टेडियम खेलों का केंद्रबिंदु बन गया और इसमें न केवल एक रनिंग ट्रैक बल्कि एक स्विमिंग पूल, साइकिलिंग अंडाकार और कुश्ती और जिमनास्टिक के लिए प्लेटफॉर्म भी शामिल थे।

खुले पानी में नहीं हुई तैराकी
यह भी पहली बार था कि ओलंपिक तैराकी स्पर्धाओं का आयोजन खुले पानी में नहीं किया गया था, जिससे प्रशंसकों को 66 हजार लोगों की क्षमता वाले स्टेडियम में अपने पसंदीदा तैराकों को खुश करने का मौका मिला, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। लंदन खेलों के दौरान पहली बार उद्घाटन समारोह के दौरान एथलीटों ने अपने राष्ट्रीय ध्वज के पीछे परेड की। इसमें 13 जुलाई, 1908 को किंग एडवर्ड सप्तम ने भाग लिया था।

पहले अश्वेत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता
1908 ओलंपिक में जॉन टेलर पहले अश्वेत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने। वह गोल्ड जीतने वाली 4x400 मीटर यूएसए टीम का हिस्सा थे।
एथलेटिक्स इवेंट में पहली बार एक रिले शामिल किया गया, जिसे "ओलंपिक रिले" कहा जाता है। एथलीटों ने 200 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर और 800 मीटर दौड़ लगाई। इस लंदन ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व ऑस्ट्रेलिया के नाम से एक ही प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया गया था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari