बरेली। काम पूरा किए बगैर पूर्व मेयर के चहेते ठेकेदार द्वारा भुगतान मांगने पर महापौर सख्त हो गए हैं। उन्होंने ठेकेदार द्वारा कराए गए सभी कामों की गुणवत्ता की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में वेडनेसडे को उन्होंने निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ बैठक की।

मामला वर्ष 2016 का है। नगर निगम ने डेलापीर तिराहे से आइवीआरआइ रेलवे क्रॉसिंग तक सड़क को दोनों ओर से दो-दो मीटर चौड़ा करने का टेंडर किया था। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण के लिए करीब 70 लाख रुपये स्वीकृत भी किए गए थे। चौड़ीकरण का काम पूर्व महापौर डॉ.आइएस तोमर के चहेते ठेकेदार को दे दिया गया। ठेकेदार ने डेलापीर तिराहे से कुछ मीटर सड़क का ही चौड़ीकरण किया। उसके आगे पत्थर डालकर छोड़ दिया। तब से वहां आज तक चौड़ीकरण का काम नहीं हुआ। इस पर तत्कालीन नगर आयुक्त ने ही ठेकेदार का भुगतान रोक दिया था। दो दिन पहले ठेकेदार ने भाजपा के एक नेता की मदद से सात कामों के करीब 70 लाख भुगतान की फाइल मेयर के सामने पहुंचा दी। मामले की जानकारी होने पर मेयर ने सभी सड़कों की जांच के निर्देश दिए। इसमें आईवीआरआई सड़क के कुछ भाग के चौड़ीकरण का भुगतान भी शामिल है। मेयर ने काम अधूरा छोड़ने को गंभीर मानते हुए सख्ती से जांच के निर्देश दिए हैं।

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काम पूरे किए बिना ही भुगतान की फाइल तैयार कर भिजवा दी गई है। भुगतान किस वजह से रोका गया, इसकी तफ्तीश के साथ ही किए गए कामों की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए हैं। गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। उमेश गौतम, मेयर

मेरे कार्यकाल में सभी काम ई-टेंडर के माध्यम से हुए। इसमें कोई किसी का फेवर नहीं ले सकता है। इसलिए यह कहना गलत है कि किसी खास को काम दे दिए गए। जांच कराई जानी चाहिए और दोषी पर कार्रवाई भी की जाए। मैंने कभी किसी के लिए सिफारिश नहीं की। वैसे डेढ़ साल बाद जांच की याद आना अटपटा है। जब भाजपा के वर्तमान व दो पूर्व पार्षद हाईकोर्ट गए तो जांच की याद आई। यह कार्य ईष्र्या के तहत किया गया है।

डॉ। आईएस तोमर, पूर्व मेयर

Posted By: Inextlive