एक चौथाई से अधिक आबादी के ग़रीबी रेखा के नीचे होने के बावजूद अंतरिक्ष परियोजनाओं पर इतना भारी-भरकम खर्च करने के लिए अक्सर भारत की आलोचना की जाती रही है। तो फिर भारत अंतरिक्ष को लेकर इतना उत्साहित क्यों है? बीबीसी की रिपोर्ट।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने सोमवार को GSLV मार्क-III-D1 रॉकेट का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। इस रॉकेट की लंबाई 140 फ़ीट है और वज़न 200 हाथियों जितना। यानी 640 टन।

इसीलिए इसे 'दानवाकार रॉकेट' की संज्ञा दी गई है और इस दिन को ऐतिहासिक माना गया।

इस सैटेलाइट को तैयार करने में इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को 15 साल लगे जिसमे भारत में ही विकसित किया गया क्रायोजेनिक इंजन लगाया गया है। इस इंजन के लिए 'लिक्विड ऑक्सीजन' और 'हाइड्रोजन' को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

 

2-अंतरिक्ष उद्योग
अभी तक अंतरिक्ष उद्योग की 75 फ़ीसदी हिस्सेदारी अमरीका, फ्रांस और रूस के पास है। ये उद्योग काफ़ी मुनाफ़े वाला है और भारत जैसे विकासशील देश के पास इसमें तरक्की की काफी गुंजाइश है।

अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की बात करें तो भारत इसमें कुछ किलोग्राम से लेकर कई टन के सैटेलाइट लॉन्च होते हैं।

सैटेलाइट इंडस्ट्री एसोसिएशन के मुताबिक अरबों डॉलर की इस इंडस्ट्री में भारत का हिस्सा बहुत कम है और तकरीबन आधा प्रतिशत से अधिक है। जबकि चीन का मार्केट शेयर करीब तीन प्रतिशत है।

भारत पहले अपने उपग्रह प्रक्षेपण के लिए रूस या फ्रांस जैसे दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन ये बात अब बीते जमाने की बात हो गई है।


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4-अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत अपनी कम कीमतों के साथ सेटेलाइट लॉन्च उद्योग में अपनी विशेष जगह बना सकता है।

आलोचक सवाल उठाते हैं कि जब सामाजिक विकास के मामले में भारत इतना पीछे है तो भारत सरकार वैज्ञानिक विकास पर धन खर्च क्यों कर रही है।

भारत में आज भी करोड़ों लोगों को साफ पेयजल, अबाध बिजली आपूर्ति, शौचालय और रेल-रोड सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

लेकिन बीती सरकारों ने तर्क दिया है कि विज्ञान और तकनीक पर खर्च से समावेशित सामाजिक विकास होता है।

हालिया रॉकेट लॉन्च इसी दिशा में एक कदम है। भारत को उम्मीद है कि विकासशील देश अपने उपग्रह लॉन्च करने के लिए पश्चिमी देशों की जगह भारत का रुख करेंगे।

आलोचना के बावजूद भारत सरकार ने इस मद में बजट को बढ़ा दिया है और शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है।

 

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Posted By: Chandramohan Mishra