- सीसीएस यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह की तैयारियां जारी

- शुद्ध चांदी और तांबे के होंगे आकर्षक मेडल

Meerut सीसीएस यूनिवर्सिटी व संबंधित कॉलेजों के टॉपर स्टूडेंट्स को इस बार दीक्षांत समारोह में स्पेशल तोहफा मिलने वाला है। पांच जनवरी को होने वाले इस दीक्षांत समारोह में इस बार टापर्स को बिलकुल नई तरह के गोल्डन मेडल मिलने वाले हैं। इन मेडल की खासियत है कि यह मेडल ऐसे है जिनकी यादें भले ही पुरानी हो जाए लेकिन इनकी चमक जिदंगी भर बनी रहेगी।

बनी रहे शुद्धता

इससे पहले तक होने वाले दीक्षांत समारोह में मिलने वाले मेडल के साइज और धातुओं की शुद्धता को लेकर सवाल काफी सवाल उठते रहे हैं। बहुत बार तो ऐसा भी देखने आया है कि समारोह के दौरान टापर्स के गले में मेडल डालते समय ही उसका रिबन टूट कर निकल जाता था। साथ ही मेडल के ऊपर चढ़े सोने और चांदी की शुद्धता को लेकर की भी शिकायत होती रही है। पहले 99.2 प्रतिशत चांदी कहकर मेडल बनाया जाता था, लेकिन उसमें मिलावट होती थी। ऊपर से सोने की पालिश होने की वजह से उसकी जांच भी नहीं हो पाती थी। इन सभी तरह की शिकायतों को देखते हुए यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को बिल्कुल नए तरीके का मेडल तैयार किया जा रहा है। चांदी और तांबे से बना यह मेडल काफी आकर्षक है, स्टैडर्ड साइज के इस मेडल की चमक कभी भी खत्म नहीं होगी।

इस तरह का मेडल

दीक्षांत समारोह में बंटने वाले मेडल को दो भाग दिए गए हैं। मेडल के ऊपर चांदी का वर्गाकार मेडल होगा, जिसके नीचे तांबे का बना हुआ गोला होगा। चांदी के वर्गाकार हिस्से पर दीक्षांत समारोह 2016 और यूनिवर्सिटी का नाम लिखा रहेगा। नीचे तांबे पर स्टूडेंट का नाम डाई से लिखा होगा। तांबे को गोल्ड प्लेट से कोटेड किया गया है। यही नहीं, मेडल के फीते पर यूनिवर्सिटी का नाम लिखा होगा। करीब ढाई फीट का यह फीता गले में पहनाने में आसान होगी। इस पूरे मेडल को कोटेड किया गया है, जिससे इसकी चमक आजीवन बनी रहेगी। मेडल का पूरा वजन करीब 65 ग्राम है, हर छात्र के लिए अलग-अलग डाई में मेडल तैयार हो रहा है।

इनका कहना है

अंतरराष्ट्रीय मानक पर यह मेडल तैयार किया गया है। करीब 115 मेडल तैयार हो रहे हैं। मेडल में चांदी की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा गया है। हर छात्र के नाम का मेडल है। प्रतिभाओं के हुनर को यह मेडल चार चांद लगाएंगे।

-दीपचंद्र, रजिस्ट्रार, सीसीएस यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive