- 483 करोड़ की लागत से उत्तर और दक्षिण भारत में तैयार किया जा रहा रामायण सर्किट

- अयोध्या और शृंगवेरपुर में चल रहा काम, काशी भी आएगा सर्किट में

बौद्ध सर्किट के बाद अब धार्मिक पर्यटन के लिए सरकार 'रामायण सर्किट' की भी तैयारी करा रही है। 483 करोड़ की लागत से उत्तर और दक्षिण भारत में उन शहरों में काम कराया जा रहा है जिनका उल्लेख रामायण में मिलता है। इन शहरों की ऐतिहासिकता संजोने के साथ वहां चित्रकला, मंदिरों के जीर्णोद्धार, लाइट एंड साउंड शो और पर्यटकों के लिए भ्रमण की व्यवस्था भी की जाएगी।

अयोध्या और इलाहाबाद में शुरू हुआ काम

रामायण सर्किट के लिए अयोध्या में 133 करोड़ और शृंगवेरपुर में 69 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू भी हो चुका है। शृंगवेरपुर इलाहाबाद से 40 किमी दूर स्थित है। बताया जाता है कि यहीं पर श्रीराम ने केवट की मदद से गंगा पार की थी। रामायण सर्किट में सीतामढ़ी और काशी को भी जोड़ा जाना है। दो दिन के दौरे पर काशी आए केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंज ने बताया कि यह काम दिसंबर-2018 तक पूरा कर लिया जाएगा।

रामायण के प्रसंगों का होगा चित्रण

बौद्ध सर्किट की तरह रामायण सर्किट में भी हर शहर में अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। हर जगह से जुड़े रामायण के अलग प्रसंग का चित्रण होगा। इसके लिए लाइट एंड साउंड शो, ग्रैफिटी और स्थलों की ऐतिहासिकता दिखाने और भ्रमण कराने की भी योजना रहेगी। रामायण सर्किट में होने के कारण काशी की ऐतिहासिक रामलीला और भरत मिलाप को भी रामायण सर्किट में जोड़ा जाएगा।

खास-खास

- 483 करोड़ रुपये की लागत से चल रहा रामायण सर्किट का काम

- 133 करोड़ खर्च होंगे अयोध्या पर

- 69 करोड़ रुपये से शृंगवेरपुर में चल रही तैयारियां

- 100 करोड़ रुपये की लागत से बौद्ध सर्किट के श्रावस्ती, कपिलवस्तु और कुशीनगर में चल रहा काम

- दिसंबर-2018 तक पूरा हो जाएगा काम

बॉक्स

यह शहर होंगे शामिल

अयोध्या, नंदीग्राम, शृंगवेरपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, काशी, बक्सर, दरभंगा, जगदलपुर, महेंद्रगिरी, नासिक, नागपुर, भद्रचलम्, हंपी, रामेश्वरम

Posted By: Inextlive