-पंडित रघुनाथ मुर्मू जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि समारोह में रंगारंग आयोजन

JAMSHEDPUR: बिदु चांदान ओल इतुन आसड़ा की ओर से शनिवार को सरजामदा में बैशाख कुनामी का आयोजन किया गया। बैशखा कुनामी पर ओलचिकि के जनक ओल गुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धांजलि दी गई। सरजामदा के ग्रामीणों ने पारंपरिक विधि विधान से पूजा-अर्चना कर पंडित रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर छेमेक ताड़ाम (फैशन शो) का आयोजन किया गया, जिसमें आदिवासी बालाओं ने पारंपरिक परिधानों में कैटवॉक कर लोगों का खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम का आयोजन बिदु चांदान ओल इतुन आसड़ा की ओर से किया गया था।

खूब हुआ मनोरंजन

पंडित रघुनाथ मुर्मू जानाम माहा (जयंती) के उपलक्ष्य पर आयोजित इस कार्यक्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने यहां आदिवासी समुदाय को अपनी पहचान बरकरार रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि पंडित रघुनाथ मुर्मू ने अपनी कविता में कहा था -'ओल मेनाग् तामा, रोड़ मेनाग् तामा एनखान आम हों मेनाम' यानी आपके पास अपनी भाषा, लिपि है तभी अपनी पहचान कायम है। समारोह में विविध प्रतियोगिताओं के बीच छेमेक ताड़ाम की खूब धूम रही तो वहीं पारंपरिक नृत्य प्रतियोगिता ने भी दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। समारोह की अध्यक्षता बिदु चांदान ओल इतुन आसड़ा के अध्यक्ष सागेन पूर्ति ने किया। इस मौके पर बोकोम टोला माझी बाबा (ग्राम प्रधान) भुगलू सोरेन, रंजीत हांसदा, सामू मुर्मू, माताड़ मुर्मू, मंगल बेसरा, हिद्दी टुडू, गुरुवारी टुडू, पूजा पूर्ति, कृष्णा बेसरा, भगीरथी हांसदा आदि सक्रिय रहे।

Posted By: Inextlive