यातायात माह में ही दिखाई देती हैं ट्रैमो मोबाइल और ट्रैफिक एंजेल्स

करोड़ों की लागत से बने ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर से कंट्रोल नहीं होता ट्रैफिक

Meerut। शहर में जाम का झाम अब हर किसी के लिए एक पहेली बन चुका है। ये पहेली कैसे सुलझेगी किसी को नहीं पता। मगर ट्रैफिक पुलिस सिर्फ यातायात माह मनाकर जाम की पहेली हल करने की फॉर्मेलिटी पूरी करनी में जुटी है। हर साल ट्रैफिक पुलिस नवंबर महीने को यातायात माह के रूप में मनाती है। अच्छी बात है लेकिन क्यों सिर्फ 30 दिन ही ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर सक्रिए दिखाई देती है। इन दिनों ही क्यों सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस रूल्स को फॉलो करवाने के लिए जागरुकता अभियान चलाती है। दरअसल, हर साल जाम से निपटने के नए-नए दावों के साथ ट्रैफिक रूल्स का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर अभियान चलाती है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ट्रैफिक रूल्स के बारे में लोगों को जागरुक करती है। स्कूलों में बच्चों को ट्रैफिक के बारे में नियमों की जानकारी देती है मगर यातायात माह खत्म होने के साथ ही सारे दाव और कोशिशें खत्म हो जाती हैं।

ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बेवजह

करोड़ों रूपये की लागत लगाने के बाद शासन ने मेरठ में ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाया था। इसका कंट्रोल रूम पुलिस लाइन में बना हुआ है। यहां एक दारोगा और दो कांस्टेबल तैनात किए गए थे, जिन्हें कंट्रोल रूम में लगी एलईडी के जरिए शहर के मुख्य चौराहों और मुख्य मार्गो पर नजर रखने के साथ ही जाम की स्थिति में मौके पर पुलिसकर्मियों को भेजना होता है। इसके अलावा एक महिला कांस्टेबल को कंट्रोल रूम से जाम को लेकर ट्विट करने वाले लोगों का संज्ञान भी लेना होता है। बावजूद इसके शहरवासियों को रोजाना जाम के झाम से जूझना पड़ता है।

ट्रैमो मोबाइल भी बेकार

जाम से निपटने के लिए पूर्व में एसएसपी रही मंजिल सैनी ने यहां पर ट्रैमो मोबाइल और ट्रैफिक एंजेल्स की शुरूआत की थी। 20 ट्रैमो मोबाइल (बाइक) और 10 ट्रैफिक एंजेल्स (स्कूटी) की व्यवस्था जाम से निपटने के लिए की गई थी। मगर सड़कों पर जाम से निजात दिलाने के नाम पर कुछ नहीं दिखाई देता।

जाम की मुख्य वजह

शहर में जाम के मुख्य कारणों की बात करें तो यहां अतिक्रमण सबसे बड़ा कारण है। जिससे जाम की समस्या से खड़ी होती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हापुड़ अड्डा, भूमिया पुल, बच्चा पार्क, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, गढ़ रोड समेत कई अन्य जगह शहर में रोजाना भीषण जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। इसी के साथ-साथ अवैध ऑटो और अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा समेत डग्गामार वाहन शहर में लगने वाले जाम का बड़ा कारण हैं। जाम के इन कारणों से ट्रैफिक पुलिस भी भली-भांति परिचित है लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है।

यातायात माह के दौरान ट्रैमो मोबाइल और ट्रैफिक एंजेल्स को सड़कों पर उतारा गया है। ट्रैफिक पुलिस जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को ट्रैफिक संबंधी नियमों की जानकारी दे रही है।

संजीव वाजपेयी, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive