प्रत्याशियों के भारी-भरकम नामांकन जुलूस की वजह से जाम की चपेट में रहा पूरा शहर

-स्टूडेंट्स, वर्किग परसन सब होते रहे परेशान

VARANASI

विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के पांचवें दिन बुधवार को बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बसपा, अपना दल जैसी बड़ी पार्टियों के साथ ही छोटी पार्टियों के घोषित प्रत्याशियों के साथ ही निर्दल प्रत्याशियों ने भी नामांकन किया। इस बहाने अपनी ताकत दिखाने के लिए जुलूस निकाला। शहर के अलग-अलग जगहों से निकले प्रत्याशियों के जुलूस से दिन भर पूरा शहर जबरदस्त जाम की चपेट में रहा। सड़कों पर गाडि़यां रेंगती चल रही थीं। उनसे जुड़ी गलियों से भी गुजरना आसान नहीं था। जाम को समाप्त कराने के लिए कुछ जगहों पर पुलिस और टै्रफिक पुलिस के जवानों ने मशक्कत की लेकिन कामयाब नहीं हो सके।

खूब हुई मनमानी

वोटर्स को अपनी ताकत का एहसास कराने और उनके बीच चर्चा का विषय बनने के लिए प्रत्याशियों ने तरह-तरह का हथकंडा अपनाया। कुछ खुले चार पहिया वाहन से पहुंचे तो किसी ने बड़े मालवाहक का सहारा लिया। बग्घी और ऑटो में सवार होकर भी प्रत्याशी नामांकन करने जिला मुख्यालय पहुंचे। हर प्रत्याशी ने अपनी हैसियत के मुताबिक भीड़ जुटाई थी। कई प्रत्याशियों के साथ हजारों की भीड़ रही। नामांकन जुलूस शुरू करने के लिए पूर्व निर्धारित स्थान से समर्थकों की भीड़ अल सुबह से ही जुटने लगी थी। दस बजते-बजते शहर के अलग-अलग इलाकों से नामांकन जुलूस निकलने लगा। दर्जनों चार और दो पहिया वाहन के साथ पैदल चलते समर्थकों ने पूरे रास्ते पर कब्जा कर लिया। जुलूस जिधर से गुजरा, कुछ ही वक्त में उधर जाम लग गया।

बिलबिलाते रहे लोग

सुबह के वक्त रोड पर ऑफिस, स्कूल, दुकान, अस्पताल जाने वालों की भीड़ रही। सब के सब जाम में फंस गए। शहर के ज्यादातर प्रमुख इलाके, लंका, गोदौलिया, मैदागिन, मलदहिया, सिगरा, महमूरगंज सबसे पहले जाम की चपेट में आए। थोड़ी ही देर में इनसे लगे इलाकों में भी वाहनों के पहिए थम गए। जिन्हें गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी थी उन्होंने गलियों का रास्ता पकड़ने की कोशिश तो वो उनमें भी गाडि़यों की भीड़ लग गयी और गलियां जाम हो गयीं। स्कूल वाहन में मौजूद बच्चे परेशान होते रहे। वर्किग परसन, बिजनेसमैन अपने ऑफिस, दुकान वक्त पर पहुंचने के लिए परेशान होते रहे। जिन्हें शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेन, बस या हवाई जहाज पकड़ना था वो भी जाम से निकलने का रास्ता खोजते रहे। इलाज के लिए हॉस्पिटल जाने वालों को कुछ सूझ नहीं रहा था। कई एम्बुलेंस भी जाम में देर तक फंसी रहीं।

कहीं नहीं दिखा इंतजाम

प्रत्याशियों के नामांकन में होने वाली भीड़ की आशंका पहले ही व्यक्त की जा चुकी थी। प्रत्याशी और समर्थक अधिक से अधिक भीड़ दिखाने के लिए कई दिनों से जुटे रहे। इसकी जानकारी भी पुलिस और प्रशासन को रही इसके बावजूद शहर को जाम की समस्या से बचाने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किया गया था। रोज ही तरह ही चौराहों पर सिविल और टै्रफिक पुलिस के जवान मौजूद रहे। हजारों समर्थकों के साथ प्रत्याशियों के जुलूस अलग-अलग जगहों से एक के बाद एक निकलना शुरू हुआ और शहर जाम की चपेट में आने लगा तो उन्होंने भी किनारा कर लिया। कहीं-कहीं जवानों ने जाम खत्म कराने की कोशिश की लेकिन भारी भीड़ के आगे मजबूर दिखे। सुबह से लगा जाम शाम तक सामान्य हो पाया।

जाम की वजह से वक्त पर ऑफिस पहुंचने के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी। नामांकन जुलूस की वजह से पूरा शहर जाम की चपेट में रहा। गलियों से भी निकलना मुश्किल रहा।

जितेन्द्र सिंह, लंका

जनप्रतिनिधियों के साथ इस शहर के प्रशासन को पब्लिक से कोई लेना-देना नहीं है। जुलूस की वजह से लगने वाले जाम से निजात दिलाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया था।

दीपक कुमार, लक्सा

Posted By: Inextlive