-10 साल में करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं सुधरी ट्रैफिक व्यवस्था

-व्यवस्था सुधारने को किए गए तमाम लेकिन नहीं हुआ कोई लाभ

-रेलवे और हवाई सेवा की मिली सौगात,

सिटी को स्मार्ट बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पब्लिक के लिए तमाम सुविधाओं का इंतजाम करने की कोशिश की जा रही है। बावजूद इसके तमाम ऐसी परेशानियों हैं जो इस शहर का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। इसमें ही शामिल है टै्रफिक की प्रॉब्लम। इसे सुधारने के लिए

करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी स्थिति जस की तस है। जबकि बढ़ते पॉपुलेशन वाले इस शहर में सड़क पर हर रोज गाडि़यों का दबाव बढ़ रहा है। पिछले एक दशक में बनारस के परिवहन साधनों को बढ़ाने और ट्रैफिक समस्या को खत्म करने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक में कई योजनाएं बनी और कइयों पर काम भी शुरू हुआ। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के आगे हर व्यवस्था फेल हो गई। इस पर पिछले 10 साल में करोड़ों रूपए खर्च किए जा चुके है। हालांकि दस सालों में सड़क, रेल और हवाई मार्ग में ढेरों सौगात भी मिले।

हर रोज जाम का झाम

शहर की कोई ऐसी सड़क नहीं जिस पर जाम नहीं लगता है। कहीं हल्का-फुल्का तो कहीं इतना गंभीर की दस मिनट की दूरी पार करने में घंटे भर से ज्याद का समय लग जाता है। इसकी वजह से लोगों का समय नुकसान होता है साथ ही फ्यूल का खर्च भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जाम की वजह से इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित होती है।

गांव गई सिटी बसें

सड़क पर सवारी वाहनों का लोड कम करने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में संचालन के लिए 130 सिटी बसें बनारस आयीं। जगह-जगह बस स्टॉप बनाए गए। ये व्यवस्था भी लापरवाही की भेंट चढ़ गई। ज्यादातर तो बस स्टॉप बने ही नहीं जो बने उनमें से कई पर अवैध कब्जा हो गया। शहर में सिटी बसों का संचालन नहीं होने की वजह से उन्हें गांवों के रूट पर चलाया जा रहा है।

प्रदूषण रोकने का दावा फेल

बनारस दुनिया के प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया। प्रदूषण खत्म करने की सिर्फ बात ही होती रही लेकिन काम कुछ नहीं हुआ। परिवहन विभाग के मंत्री से लेकर राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी सालभर तक घोषणाएं करने के साथ इसी साल विभाग को इलेक्ट्रानिक बस देने का दावा करते रहे। लेकिन अभी दूर-दूर तक कहीं इलेक्ट्रानिक बसें चलने की उम्मीद दिखाई नहीं पड़ रही है और न ही परिवहन विभाग इस दिशा में कोई ठोस योजना बना सका।

तमाम कोशिश विफल

-आठ साल पहले प्रशासनिक स्तर पर सुगम यातायात के लिए कई प्लान बने लेकिन काम नहीं कर पाए

-वाहनों को लेन में चलने के लिए हर रोड पर डिवाइडर लगवाया।

-सड़क के किनारों पर रेलिंग लगवाकर पैदल पाथ का निमार्ण कराया गया

-नदेसर, रथायात्रा, गुरुबाग, भेलूपुर समेत कई रोड को वनवे किया गया लेकिन उसका पालन अक्सर नहीं होता

-दस सालों में कई बार सिग्नल लाइट लगायी गयी लेकिन अक्सर बंद हो जाती रहीं

-टै्रफिक पुलिस के साथ टीआरबी जवान लगाए गए लेकिन कारगर साबित नहीं हो सके

-परिवहन विभाग ने 4850 आटो रिक्शा को सिटी परमिट दिया है लेकिन एक भी निश्चित मार्ग पर नहीं चलती हैं।

-ई-रिक्शा तो शहर के लिए मुसीबत हो गए हैं। इसके चलते अक्सर घंटों जाम लगता है।

मिले कई सौगात

-रोडवेज ने अपने यात्रियों को लंबी दूरी के लिए स्कैनिया,जनरथ, शताब्दी महिलाओं के लिए पिंक बस की सौगात दी।

-बनारस को पॉल्यूशन फ्री करने और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पीएम मोदी ने अपने जहां सड़क पर ई-रिक्शा की शुरुआत की

-शहर में सीएनजी ऑटो की कवायद शुरू की गयी है

-खजुराहो के लिए एयर इंडिया के बाद विस्तारा एयरलाइंस ने भी हवाई सेवा शुरू की।

-विमानन कंपनी गो एयर ने भी वाराणसी एयरपोर्ट पर सेवा देना शुरू की। दिल्ली, अहमदाबाद और बेंगलुरु के लिए उड़ान सेवा की शुरूआत हुई।

-एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए भूमि का सीमांकन हुआ लेकिन अधिग्रहण काम पूरा नहीं हो सका।

-एयरपोर्ट के पार्किग में कोल इंडिया द्वारा स्व। लाल बहादुर शास्त्री की 18 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई।

-नए एटीसी भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।

-मुख्य टर्मिनल भवन में दो एयरोब्रिज का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।

-एयरपोर्ट पर दो नए एप्रन का निर्माण कार्य शुरू हुआ।

-फरवरी में 1.2 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया।

-गंगा में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए ई-बोट की शुरूआत भी की गयी है

-ओला, उबर जैसी पब्लिक ट्रांस्पोर्ट आने से भी लोगों की रहा आसान रही

रेलवे सफर बना रहा आसान

कैंट रेलवे स्टेशन

देश की पहली सेमी हाइस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस वाराणसी से नई दिल्ली के बीच शुरू हुई।

-2019 में सर्कुलेटिंग एरिया में पार्किग का विस्तार हुआ।

-मुख्य भवन का 100 मीटर विस्तार कार्य नवंबर-2019 था, अब अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्मीद है।

-600 करोड़ में री-मॉडलिंग काम करीब 55 फीसद काम पूरा हो चुका है।

-दो नए प्लेटफार्म और बाईपास लाइन-2020 तक शुरू हो जाएगी।

-वर्ष 2019 में द्वितीय प्रवेश द्वार पर नयी लिफ्ट शुरू हुई।

-वर्ष 2020 में प्लेटफार्म नंबर चार-पांच पर नई स्वचालित सीढ़ी की सौगात मिलेगी।

मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन

- 2019 में मंडुवाडीह-लोहता को जोड़ती महत्वपूर्ण कार्ड लाइन शुरू हुई

-मंडुवाडीह-कछवा रेलखंड दोहरीकरण का काम हुआ।

-दिल्ली जाने वाली प्रमुख ट्रेनों का संचालन शुरु हुआ

बढ़ी एयर कनेक्टिविटी

-मलेशिया के लिए मलिंडो एयर ने नई विमान सेवा प्रारंभ की।

-बनारस टू बैंकाक की सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत

Posted By: Inextlive