-ब्वायज हाई स्कूल के बाहर सीओ ने चलाया चेकिंग अभियान

-दो दिन पहले पकड़ा गया छात्र फिर बिना हेलमेट पकड़ा गया

-बच्चों के पैरेंट्स को समझाने के बाद पुलिस ने छोड़ा

-ब्वायज हाई स्कूल के बाहर सीओ ने चलाया चेकिंग अभियान

-दो दिन पहले पकड़ा गया छात्र फिर बिना हेलमेट पकड़ा गया

-बच्चों के पैरेंट्स को समझाने के बाद पुलिस ने छोड़ा

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: अरे तुम तुमने तो सैटरडे को सॉरी बोला था। प्रामिस किया था कि बिना हेलमेट के घर से नहीं निकलोगे। फिर आज बिना हेलमेट के कैसे। ब्वायज हाई स्कूल गेट के पास सीओ अल्का धर्मराज ने 9वीं के स्टूडेंट आशु को पकड़ा तो वह डर गया। अब उसे अपनी गलती का एहसास हो रहा था। वह सिर्फ सॉरी-सॉरी बोल रहा था। बार-बार समझाने के बाद भी उसने अपनी आदत नहीं सुधारी। जब पुलिस ने उसके पैरेंट्स को बुलाने की बात कही तो वह डर गया। उसकी आंखें भर गई। एक्सक्यूज करते हुए कहा कि लास्ट टाइम है मैडम, इस बार छोड़ दीजिए। नेक्स्ट टाइम ये गलती नहीं दोगी।

पुलिस को भी तरस आ गई

दरअसल, अल्लापुर के रहने वाले इस छात्र को म्योहाल चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने सैटरडे को तीन लड़कों के साथ पकड़ा था। उस दिन उसके पैरेंट्स से बात करके पुलिस ने वार्निग देकर छोड़ दिया था। लेकिन मंडे को एक बार फिर वह पकड़ में आ गया। इस बार जब वह सेंटिमेंटल हो गया तो पुलिस को भी तरस आ गई। बताया कि उसके पिता दिल्ली में हैं। घर पर ड्राइवर नहीं तो वह स्कूटी लेकर निकल गया। लेकिन उसने प्रॉमिस किया कि आज के बाद वह गाड़ी लेकर नहीं निकलेगा। इसी शर्त पर उसे छोड़ दिया गया।

गेट पर शुरू हुई थी चेकिंग

टीन एजर बच्चों के व्हीकल के खिलाफ मंडे को सीओ ट्रैफिक ने चेकिंग अभियान चलाया। इसकी शुरुआत ब्वायज हाई स्कूल के गेट से हुई। कालेज के बाहर दर्जनों लड़के ऐसे मिले जो बिना हेलमेट के गाड़ी लेकर भाग रहे थे। ज्यादातर लड़के अपनी गाडि़यों पर ट्रिपलिंग कर रहे थे। पुलिस ने जब उन्हें पकड़ना शुरू किया तो वह सिर्फ माफी मांगते नजर आए। पुलिस ने सभी लड़कों के घर वालों से बात की और उन्हें वार्निग देकर छोड़ा। साथ ही सभी के नाम और गाड़ी नंबर डायरी में नोट किया। ताकि नेक्स्ट टाइम बिना हेलमेट के मिले तो सख्त कार्रवाई हो सके।

हेलमेट पहनाया फिर छोड़ा

इस आपरेशन में ब्वायज हाई स्कूल में स्टडी करने वाला अभिनव और प्रखर भी पकड़े गए। दोनों हाई स्कूल में स्टडी करते हैं। प्रखर ने कहा कि उसकी गाड़ी में हेलमेट है। सिर्फ लगाना भूला है। उसको डांट पड़ी। सीओ ने कहा कि पहले गाड़ी की डिग्गी से हेलमेट निकालो। अभिनव ने गाड़ी से हेलमेट निकाला और फिर उसे पहना। सीओ ने अभिनव के पापा से भी बात की। उसके बाद उसे वार्निग देकर जाने दिया। इस दौरान 8वीं सैद आलम, क्ख् वीं के रिजवान, क्ख् वीं का राहुल, क्क्वीं की आरुषी को पुलिस ने वार्निग देकर जाने दिया। पुलिस हर लड़के के घर वालों को फोन करके यह एहसास दिला रही थी कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की नहीं बल्कि घर वालों की है।

बच्चों को गाडि़यां तो पैरेंट्स ही दे रहे हैं। टीन एज में एक तो बाइक नहीं देना चाहिए। दूसरा उन्हें निकलने से पहले हेलमेट भी नहीं पहनने को बोल रहे हैं। बच्चों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाकर उनके पैरेंट्स को इसकी जानकारी दी जा रही है। ताकि वे खुद संभले और अपने बच्चों को गाइड करें। पकड़े जाने पर पैरेंट्स सिर्फ सॉरी बोलते हैं।

-अल्का धर्मराज

सीओ ट्रैफिक

Posted By: Inextlive