RANCHI:राजधानी के लोगों को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। हाल में ही दशहरा पूरे उल्लास के साथ मनाया गया और अब शहर दीपावली की तैयारी कर रहा है। किसी भी त्योहार से 15 दिनों पूर्व शहर की सड़कों पर चलना मुश्किल हो जा रहा है। स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, सीसीटीवी, इन्सेप्टर के आश्वासनों के बावजूद शहर की सड़कों पर चलने वाले लोग त्राहिमाम करते नजर आ रहे हैं। हर सड़क पर गाडि़यां घंटों रेंगती नजर आ रही हैं। सभी प्रमुख चौराहों पर सुबह 11 बजे से ही गाडि़यों की लंबी कतार लगनी शुरू हो जा रही है, जिसमें लोग घंटों फंसे रह रहे हैं। सबसे बुरा हाल रातू रोड चौक, जेल मोड़, कचहरी रोड, लालपुर से कोकर और हरमू रोड का रह रहा है। दिनभर जाम का सिलसिला तो चल ही रहा है शाम को तो हालात और खराब हो जा रहे हैं।

चौक-चौराहों पर ही ड्यूटी

शहर के कुछ चौक-चौराहों को छोड़कर कहीं भी ट्रैफिक जवान दिखाई नहीं देते। स्थिति यह है कि ट्रैफिक जाम में आम से लेकर खास सभी परेशान रह रहे हैं। खासकर जाम में स्कूली बच्चों की स्थिति काफी खराब हो जा रही है। काफी देर तक स्कूली बच्चे बसों में फंसे रह रहे हैं। कई अभिभावक तो रास्ते से ही बच्चों को अपने साथ घर लेकर जा रहे हैं, लेकिन कई स्कूलों में इसकी परमिशन नहीं है। पिस्का मोड़ से दुर्गा मंदिर, नागाबाबा खटाल से लेकर कचहरी, लालपुर से कोकर के बीच एक भी जवान के मौजूद नहीं रहने से जाम लग रहा है।

नियम ताक पर रखे ऑटो चालक

शहर के व्यस्ततम सड़कों पर ऑटो चालक ट्रैफिक नियमों को ताक में रख कर अपने वाहन चलाते हैं। इससे जाम तो लगता ही है, दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। आये दिन ऑटो चालकों के साथ आम लोग उलझते रहते हैं, लेकिन बीच सड़क में पुलिसकर्मी के मौजूद नहीं रहने से स्थिति में कोई सुधार नहीं होता। सड़क पर कहीं ऑटो रोक देने के कारण भी जाम की स्थिति बनती है।

स्मार्ट जंक्शन का आश्वासन

घोषणा की गयी थी कि रांची के चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल वाहनों की तादाद (भीड़) देखकर रूट बदलने के लिए सिग्नल को लाल या हरा करेंगे। उनमें लगे हाई पावर सेंसर वाहनों की संख्या आंकेंगे। इसके लिए रांची के 60 चौराहों को स्मार्ट जंक्शन बनाया जाएगा। लेकिन अभी तक यह मात्र आश्वासन ही बना हुआ है।

Posted By: Inextlive