- काला धुआं छोड़ रहे वाहनों के खिलाफ आरटीओ सख्त

- आरटीओ ने दो प्रदूषण केन्द्रों के खिलाफ जारी किया नोटिस

- सिटी पेट्रोल यूनिट ने 80 वाहनों का किया चालान

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DEHRADUN: काला धुंआ छोड़ रहे वाहनों के खिलाफ पुलिस और आरटीओ डिपार्टमेंट ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डीजीपी के निर्देश के बाद मंगलवार को दोनों विभागों ने अपने-अपने स्तर से अभियान की शुरुआत की। सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) ने प्रदूषण फैला रहे करीब सात दर्जन वाहनों के चालान काटे, जबकि आरटीओ डिपार्टमेंट द्वारा दो प्रदूषण केन्द्रों पर खामियां पाए जाने पर नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई।

80 वाहनों के हुए चालान

दरअसल, कुछ दिन पूर्व एक स्टडी रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि दिल्ली के बाद दून में प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा है। बढ़ रहे प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलता काला धुंआ जिम्मेदार है। रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए डीजीपी बीएस सिद्धू ने अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश जारी किए थे। डीजीपी ने साफ कहा कि काला धुआं छोड़ रहे वाहनों के खिलाफ एमवी एक्ट में चालान काटने की कार्रवाई अमल में लाई जाए। निर्देश के अनुपालन में मंगलवार को सीपीयू ने सिटी के अलग-अलग एरियाज में काला धुआं छोड़ रहे करीब 80 वाहनों के चालान काटे।

प्रदूषण जांच केन्द्रों पर खामियां

प्रदूषण के खिलाफ चल रहे इस अभियान को आरटीओ डिपार्टमेंट द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। एसपी ट्रैफिक प्रदीप राय व एआरटीओ संदीप सैनी ने सिटी के दो प्रदूषण जांच केन्द्र का निरीक्षण किया, जिसमें पहला राजपुर रोड व दूसरा चकराता रोड पर है। दोनों ही केन्द्रों पर खामियां पाई गई। दोनों ही जगह डीजल चलित वाहनों से निकलने वाले धुएं में विषैली गैस को निर्धारित करने वाली मशीन सही तरीके से काम नहीं कर रही थी। इसके अलावा लेखा-जोखा भी सही तरीके से मेंटेन नहीं किया गया था। मामले पर आरटीओ डिपार्टमेंट द्वारा प्रदूषण जांच केन्द्रों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीन दिन के अंदर केन्द्र संचालकों को इसका जबाव देना होगा।

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डीजल चलित वाहनों में ख्.म् मोनोऑक्साइड

वाहन डीजल और पेट्रोल से चलते हैं। जिनके लिए प्रदूषण के मानक भी अलग-अलग हैं। डीजल से चलने वाले वाहनों के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा फ्.भ् होनी चाहिए, जबकि डीजल चलित वाहनों में यह मात्रा ख्.म् रखी गई है। इन मानकों पर खरे उतरने के बाद ही प्रदूषण जांच केन्द्रों द्वारा वाहन चालकों को पोल्यूशन अंडर कंट्रोल का सार्टिफिकेट जारी किया जाता है, दून की बात करें तो जिले में क्क् प्रदूषण जांच केन्द्र हैं।

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सर्टिफिकेट के बावजूद काला धुंआ

सिटी में कई ऐसे वाहन घूम रहे हैं जिन्हें पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सार्टिफिकेट जारी किए हैं, बावजूद यह पोल्यूशन फैला रहे हैं। जिससे साफ है कि वाहन चालक सेटिंग कर पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सार्टिफिकेट हासिल करने में सफल हो रहे हैं। मंगलवार को सीपीयू ने कई ऐसे वाहनों को पकड़ा जिन्हें पोल्यूशन अंडर कंट्रोल का सार्टिफिकेट जारी किया था, बावजूद वे गहरा कला धुआं छोड़ रहे थे।

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अभियान के पहले दिन धुआं छोड़ रहे 80 वाहनों का चालान काटा गया है। जिनमें टू व्हीलर के साथ फोर व्हीलर वाहन भी शामिल हैं। धीरे-धीरे अभियान में तेजी लाई जाएगी।

प्रदीप राय, एसपी ट्रैफिक

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खामियां पाए जाने पर दो प्रदूषण जांच केन्द्रों के खिलाफ नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई है। तीन दिन के अंदर नोटिस का जबाव देना होगा। आगे भी इस अन्य प्रदूषण जांच केन्द्रों का जायजा लिया जाएगा।

-संदीप सैनी, एआरटीओ

Posted By: Inextlive