-कोहरे के कारण 20-20 घंटे तक लेट चल रही हैं ट्रेनें, हजारों टिकट रोजाना हो रहे कैंसिल

- लेट ट्रेनों की रेलवे के सर्वर पर फीडिंग में देरी से पैसेंजर्स को रिफंड मिलने में हो रही प्रॉब्लम

- काउंटर से रिजर्वेशन और ई टिकट के रिफंड के नियम एक फिर भी देरी से हो रहा रिफंड

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KANPUR: कोहरा के कहर से ट्रेनों के पहिए रेंग रहे हैं। फिर चाहे शताब्दी हो या राजधानी। सुबह आने वाली शाम को और शाम वाली अगले दिन आ रही है। ट्रेनों की इस लेट लतीफी से रेलवे का टाइम टेबल डिरेल हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी पैसेंजर्स को हो रही है, उनका टाइम तो खराब हो ही रहा है जेब भी कट रही है। क्योंकि टिकट कैंसिलेशन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेट ट्रेनों की फीडिंग में देरी होने की वजह से पैसेंजर्स को टिकट कैंसिल कराने में फुल रिफंड नहीं मिल रहा है।

फीडिंग नहीं हो रही टाइम से

बीते तीन दिनों में जब से ठंड और कोहरा बढ़ा है। लंबी दूरी की ट्रेनें बेतहाशा देरी से चल रही है। राजधानी एक्सप्रेस भी कई घंटों की देरी से चल रही हैं। ऐसे में पैसेंजर्स टिकट कैंसिल करा रहे हैं। लेकिन ट्रेनें वास्तव में जितनी लेट चल रही हैं वैसी उसकी फीडिंग रेलवे के कंप्यूटर्स में नहीं हो रही है। क्0,क्भ् मिनट की देरी तो मायने ही नहीं रखती लेकिन जो ट्रेन लगभग तीन घंटे लेट हो रही हैं। ऐसे में ट्रेनों की फीडिंग में देरी से उसके रिफंड का समय भी बदल रहा है। ऐसे में पैसेंजर्स को कई बाद फुल रिफंड नहीं मिल रहा है।

ट्रेने तीन घंटे लेट फिर भी पूरा रिफंड नहीं

रेलवे का नियम है कि ट्रेन के तीन घंटे से ज्यादा लेट होने पर टिकट कैंसिल कराने पर फुल रिफंड मिलता है लेकिन अशोक नगर निवासी राजेंद्र सिंह के साथ ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने शनिवार को दिल्ली के लिए भुवनेश्वर राजधानी के थर्ड एसी में रिजर्वेशन कराया था। वह सेंट्रल पहुंचे तो पता चला कि ट्रेन ढाई घंटे लेट चल रही है। थोड़ी देर बाद डिसप्ले बोर्ड सवा तीन घंटे की देरी दिखाने लगा तो उन्होंने दिल्ली जाने का प्लान कैंसिल कर दिया। लेकिन आधे घंटे बाद जब वह टिकट कैंसिल कराने गए तो पता चला कि ट्रेन फिर ख्.भ्भ् मिनट देरी से चल रही है इस पर उन्हें फुल रिफंड की बजाय टिकट के ब्0 फीसदी चार्जेस काट लिए गए।

हफ्तों करना पड़ता इंतजार

अगर आपके पास रेलवे का ई टिकट है या फिर टिकट खिड़की से लिया गया टिकट, दोनों को रिफंड करने के नियम एक ही हैं फिर भी ई टिकटों के रिफंड में पैसेंजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ई टिकट के कैंसिलेशन पर पैसा बुक कराने वाले के बैंक एकाउंट में पहुंचता है। इसकी निर्धारित समय सीमा भ् से 90 दिन है। जिसके लिए पैसेंजर को बार बार आनलाइन रिमांइडर भी रेलवे को भेजना पड़ता है। जब ट्रेनें काफी लेट चल रही हैं ऐसे में रोज हजारों पैसेंजर्स अपने ऑनलाइन टिकट भी कैंसिल करा रहे हैं ऐसे में उन्हें रिफंड मिलने में काफी प्रॉब्लम हो रही है।

ट्रेनों को लगी ठंड, पैसेंजर्स बेहाल

कोहरे की वजह से शनिवार को भी कानपुर सेंट्रल से गुजरने वाली क्00 से ज्यादा ट्रेनें लेट रहीं। यहां तक की कानपुर से लखनऊ जाने वाली मेमू ट्रेनें भी फ् से 7 घंटे की देरी से चलीं। इसके अलावा आधा दर्जन राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें भी ख् से ब् घंटे की देरी से सेंट्रल पहुंचीं। कानपुर और लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस अप और डाउन दोनों ही ब् से 7 घंटे की देरी से चल रही थीं। वहीं दिल्ली से चल कर सुबह म्.फ्0 बजे सेंट्रल पहुंचने वाली श्रमशक्ति एक्सप्रेस दोपहर ख् बजे के करीब सेंट्रल पहुंची। यही हाल बाकी सुपरफॉस्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों का भी रहा। कई ट्रेनें तो ख्0 घंटे से ज्यादा देरी से चल रही थीं तो उन्हें रेलवे ने अगले दिन के लिए निरस्त कर दिया।

फैक्ट फाइल

कानपुर सेंट्रल पर पैसेंजर्स का लोड- क्.म्0 लाख से फ् लाख पैसेंजर्स

रोज रिजर्वेशन होते है- क्0 से क्ख् हजार

र् ई टिकट- भ्,000

शनिवार को टिकट कैंसिल हुए- ख्,000

कोट-

कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम हुई है जिसकी वजह से काफी ट्रेनें लेट चल रही हैं। ऐसे में काफी पैसेंजर्स टिकट भी कैंसिल करा रहे हैं। लेकिन उन्हें रिफंड मिलने में इस तरह की कोई प्रॉब्लम सामने नहीं आई। लेट ट्रेनों की टाइमिंग समय से हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है ज्यादातर प्रोसेस तो आटोमैटिक ही है।

नवीन बाबू, सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे

Posted By: Inextlive