-अब आरपीएफ व विजिलेंस की तत्काल टिकट पर टेढ़ी नजर -एक जुलाई से मिलने वाले तत्काल टिकट को लेकर आरपीएफ अपना नेटवर्क कर रही सक्रिय -टिकट के सौदागरों पर नकेल कसने के लिए बना रही है रणनीति -आरपीएफ के चंगुल से बच कर नहीं निकल पाएंगे टिकट सौदागर GORAKHPUR: आनलॉक-1 में ट्रेंस का संचालन शुरू होन

-अब आरपीएफ व विजिलेंस की तत्काल टिकट पर टेढ़ी नजर

-एक जुलाई से मिलने वाले तत्काल टिकट को लेकर आरपीएफ अपना नेटवर्क कर रही सक्रिय

-टिकट के सौदागरों पर नकेल कसने के लिए बना रही है रणनीति

-आरपीएफ के चंगुल से बच कर नहीं निकल पाएंगे टिकट सौदागर

GORAKHPUR:

आनलॉक-1 में ट्रेंस का संचालन शुरू होने के साथ ही रिजर्वेशन काउंटर पर भी पैसेंजर्स की भीड़ आनी चालू हो चुकी है। वहीं पैसेंजर्स को एक जुलाई से तत्काल टिकटों की सुविधा भी मिल सकेगी। इसकी भी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस सब के बीच टिकटों के सौदागर का गिरोह भी सक्रिय हो गया हैं। इस नेक्सेस को तोड़ने के लिए आरपीएफ और विजिलेंस की टीम ने दलालों पर अपनी नजरें टेढ़ी कर ली है। इन पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस व आरपीएफ ने अपने नेटवर्क को भी तेज कर दिए हैं। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित कर उन पर नकेल कसने के मूड में हैं।

दरअसल, एक जून से ट्रेंस का संचालन शुरू होने के बाद टिकट काउंटर पर रिजर्वेशन चालू हो गया। देश भर में चलाई जा रही 200 ट्रेंस में सिर्फ कन्फर्म टिकट वाले पैंसेंजर्स को ही सफर करने की अनुमति हैं। उधर अब तत्काल कोटा जनरल हो गया है। इस सबके बीच टिकटों के दलालों ने भी अपने गैंग को सक्रिय कर दिया है। जिससे रेलवे को भारी नुकसान होता है। इसे गंभीरता से लेते हुए आरपीएफ, एसआईटी और विजिलेंस की टीम इन सौदागरों पर अंकुश लगाने के लिए प्लान तैयार कर रही है। इसलिए ज्वाइंट आपरेशन चलाकर टिकट दलालों की धर पकड़ में जुट गई है।

टीम की इन जगहों पर पैनी नजर

आनलॉक के बाद दिल्ली में आरपीएफ, विजिलेंस टीम की कार्रवाई में 11 टिकट दलाल पकड़े गए थे। इसको देखते हुए रेलवे स्टेशन, पीआरएस के अलावा सिटी के ई-टिकट एजेंटों पर पूरी नजर रखी जाएगी। आरपीएफ के साथ एसआईटी और विजिलेंस की टीम सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए तैयार हो चुकी है।

टिकट सौदागर तरह-तरह का अपनाते है तरीका

सक्रिय टिकट दलाल तरह-तरह का तरीका अपना कर पैसेंजर्स को टिकट मुहैया कराते हैं। इसलिए आरपीएफ के अलावा एसआईटी और विजिलेंस की टीम एक्टिव हो गई हैं।

रेड बूल साफ्टवेयर से ठगी

टिकटों के सौदागर के पकड़े जाने पर ज्यादातर मामले रेड बूल साफ्टवेयर का यूज कर पैसेंजर्स को ठगी का शिकार बनाते हैं। ये सौदागर पकड़े जाने पर धोखाधड़ी, आईटी और रेलवे एक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिए जाते हैं। कुछ तो जुर्माना अदा कर छूट जाते हैं।

पहले भी टिकट के सौदागरों पर हो चुकी है कार्रवाई

वर्ष पकड़े गए टिकट सौदागर

2018 131

2019 281

10 मार्च 2020 तक 136

परिवार के साथ रिलेशन में गोरखपुर आया था। वापस कलकत्ता जाने के लिए रिजर्वेशन कराने आया हूं। लेकिन नहीं हो पाया। यहां पूछताछ काउंटर पर भी कोई सही जानकारी देने वाला नहीं है कि कब ट्रेन चलेगी।

उत्तम कुमार- पैसेंजर

13 मई को मुंबई जाना था। लेकिन ट्रेन की सेवा बंद होने की वजह से जा नहीं सका। इसलिए टिकट रिफंड कराने आया हूं। जहां तक दलालों की बात है तो ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में इनकी चंगुल में फंस जाते हैं।

दीपक गुप्ता-पैसेंजर

गोरखपुर से वाराणसी के लिए जाना था। ट्रेन बंद होने की वजह से सफर नहीं कर सका। टिकट कैसिंल कराने आया था।

प्रियरंजन सरकार-पैसेंजर

Posted By: Inextlive