आ तो गए अब जाएंगे कैसे
21 से 24 तक ट्रेनों में है लंबी वेटिंग लिस्ट, कई ट्रेनों में नो रूम की स्थिति
ALLAHABAD: रेलवे और रोडवेज के तमाम दावों और व्यवस्थाओं के बाद भी हजारों लोग ट्रेन व बस में धक्का खाते हुए, परेशान होकर दीपावली पर घर पहुंचे। अब वे आ तो गए, लेकिन जाने में वैसी ही समस्या देख उनकी हालत खराब है कि आखिर वापस कैसे पहुंचेंगे। 20 अक्टूबर के बाद ट्रेन व बस में सीटों का बुरा हाल है। कई ट्रेनों में नो रूम की स्थिति है। वेटिंग लिस्ट भी लंबी चौड़ी है।16 से 19 अक्टूबर तक जहां ट्रेनों में मारामारी की स्थिति रही, वहीं 21 से 25 व और फिर 27 से 29 अक्टूबर को एक बार फिर दिल्ली, हावड़ा और मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों में भी यही स्थिति रहेगी। क्योंकि कनफर्म टिकट मिलना बहुत मुश्किल है, वहीं वेटिंग लिस्ट लंबी है। लोग परेशान हैं कि अगर सीट कंफर्म नहीं हुई तो वापस कैसे पहुंचेंगे। दीपावली के उत्साह में किसी तरह घर तो आ गए, लेकिन वापसी का सफर कटना मुश्किल हो जाएगा।
प्रयागराज और शिवगंगा एक्सप्रेस का बुरा हाल है। दोनों ही ट्रेनों में एक तरफ जहां वेटिंग लिस्ट 400-500 पार है। इसी तरह पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, रीवां आनंद विहार एक्सप्रेस, मूरी एक्सप्रेस, महाबोधी एक्सप्रेस, मंडुवाडीह नई दिल्ली एक्सप्रेस में नो रूम की स्थिति रही। अन्य ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 200-300 के पार है। मगध एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, सीमांचल एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, लिछवी एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस जैसे कई ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है।
मुंबई रूट की ट्रेनों का भी यही हाल है। गोदान एक्सप्रेस में दीपावली बाद अगले पांच दिन तक नोरूम की स्थिति है। कामायनी एक्सप्रेस, गोरखपुर एलटीटी, वाराणसी एलटीटी में भी नो रूम के साथ ही लंबी वेटिंग लिस्ट है। ट्रेन 21 22 23 24 अक्टूबर 22487 भृगु एक्सप्रेस 222 174 125 105 22438 सुहेलदेव एक्सप्रेस 100 50 60 50 14217 ऊंचाहार एक्सप्रेस 155 218 100 150 18101 मूरी एक्सप्रेस रिग्रेट 150, रिग्रेट रिग्रेट 150 14055 ब्रह्मापुत्र मेल रिग्रेट 101, 104, 114 80 14005 लिच्छवी एक्सप्रेस 150, 138, 121, 8012417 प्रयागराज एक्सप्रेस 561 521 345 134
12427 रीवा-आनंद विहार 202 201 134 150 12801 पुरुषोत्तम एक्सप्रेस रिग्रेट 101, 101, 150, 140 12561 स्वतंत्रता सेनानी एक्स। 90 144 110 100 12581 मंडुवाडीह एक्सप्रेस 146, 314 155 249 वर्जन- पैसेंजर्स को परेशान न होना पड़े, इसलिए रूटीन ट्रेनों के साथ ही कई स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई हैं। जिससे लोगों को काफी सुविधा मिल रही है। अमित मालवीय पीआरओ एनसीआर