- ईसीआर द्वारा हर रेल बजट से पहले भेजा जाता है प्रपोजल

- आरा टू मोकामा तीसरी रेल लाइन पर कभी नहीं होती बात

- 1972 से ही उठ रही है तीसरी रेल लाइन की मांग

PATNA : हालिया रेल बजट में भी मुगलसराय-किउल तीसरी रेल लाइन परियोजना पर कोई विचार नहीं किया गया, जबकि इस मांग के पूरे होने के इंतजार में न जाने कितनी पीढि़यां गुजर गई। ईसीआर के एक अधिकारी ने कहा कि हमलोगों ने दो साल पहले भी आरा से मोकामा तक तीसरी रेल लाइन की मांग की थी। आज तक उस मांग पर विचार नहीं किया गया। मालूम हो कि मुगलसराय से किउल तक मात्र दो ही रेल ट्रैक है। इस रेल बजट को छोड़ दें तो हर साल इस रूट पर गाडि़यों की संख्या बढ़ती गई लेकिन ट्रैकों की संख्या बढ़ाए जाने के बारे में कभी विचार नहीं किया गया। आज इस रूट की हालत बहुत दयनीय है। ट्रैफिक लोड बढ़ने की वजह से पटना आने वाली गाडि़यों को घंटों दानापुर या फिर पटना सिटी के आसपास शंट कर दिया जाता है। जिससे पैसेंजर्स को काफी परेशानी होती है।

प्रपोजल पर नहीं होता विचार

मुगलसराय से किउल तक एक और रेल लाइन बनाने की मांग क्97ख् से ही की जा रही है। हर रेल बजट से पहले पूमरे आरा से मोकामा तक तीसरी लाइन की मांग को लेकर प्रपोजल भेजता है, पर इसपर विचार तक नहीं किया जाता। रेल अधिकारी कहते हैं कि लालू यादव जब रेल मिनिस्टर थे तब सर्वे का काम शुरू हुआ था जिसे बोर्ड ने ठंढे बस्ते में डाल दिया। बिहार डेली पैसेंजर एसोशिएशन के सेक्रेटरी शोएब कुरैशी ने बताया कि क्97ख्-7फ् में मिनिस्टर केदार पांडेय से भी ट्रैक बढ़ाने को लेकर बात की गई थी, उन्होने आश्वासन भी दिया था कि जल्द ही इस काम को पूरा किया जाएगा। पर रेलवे बोर्ड की लापरवाही के कारण आजतक इस मुद्दे पर काम नहीं किया गया। इस रेल खंड पर परिचालन की उपयोगिता क्80 प्वाइंट तक पहुंच गई है। यही कारण है कि इस रेल खंड पर रेलगाडि़यों के परिचालन में काफी विलंब होता है।

क्870 में हुआ था दोहरीकरण

क्870 में ही पटना हावड़ा रेलखंड का दोहरीकरण किया गया था। इसके बाद से अबतक किसी भी रेल मिनिस्टर्स ने इसके सामानांतर थर्ड ट्रैक के बारे में विचार नहंी किया। जबकि हर साल इस रूट में ट्रेनों की संख्या बढ़ती जाती है। बक्सर से सुबह शटल खुलती है। इस ट्रेन से ज्यादातर नौकरी करने वाले पैसेंजर पटना आते हैं। अक्सर देखा जाता है कि नई दिल्ली से आने वाली राजधानी को भी इसके बाद ही पटना पहुंचाया जाता है। इसके अलावा एक्सप्रेस गाडि़यों को पास कराने के चक्कर में इस रूट पर अन्य गाडि़यों को घंटों रोका जाता है। जबतक तीसरी लाइन का निर्माण नहीं किया जाएगा तबतक रेल परिचालन स्मूथ नहीं हो पाएगा।

Posted By: Inextlive