-ट्रेन में सामान गायब होने पर रेलवे की जिम्मेदारी

-जीआरपी और आरपीएफ के बीच नहीं फंसेगा मामला

GORAKHPUR: ट्रेन से यात्रा के दौरान सामान खोने पर जीआरपी अपना पल्ला नहीं झाड़ सकेगी। पैंसेजर की शिकायत पर सात दिन के अंदर जीआरपी को मामले का निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जीआरपी की लापरवाही पर रेल यात्री उपभोक्ता फोरम में अपील दायर कर सकेंगे। जिम्मेदारियों को बढ़ाते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। यात्रियों का सामान तलाशने में आरपीएफ और जीआरपी को संयुक्त रूप से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

टिकट में जुड़ा रहता है दो प्रतिशत चार्ज

ट्रेन में रिजर्वेशन कराने के दौरान यात्री के सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की हो जाती है। इसके बदले में टिकट दर में दो प्रतिशत का चार्ज यात्री के सामान की सुरक्षा के लिए लिया जाता है। ऐसे में ट्रेन के सफर में सोते हुए यात्रा करने की सहूलियत टिकट खरीदने वाले यात्री को मिलती है। ऐसे में कोच के अंदर से सामान चोरी होने पर सुरक्षा में लगी एजेंसी की जिम्मेदारी होती है। ट्रेन में पैंसेजर्स की सुरक्षा के लिए जीआरपी की जिम्मेदारी मानी जाती है। जबकि, ट्रेन के सामान की सुरक्षा आरपीएफ के कंधे पर होती है। सामान चोरी होने पर मामले में मुकदमा दर्ज करके जीआरपी विवेचना करती है। हालांकि धीरे-धीरे यह अधिकार आरपीएफ को दे दिया गया है।

चलती ट्रेन में भी करा सकते हैं एफआईआर

ट्रेन में सामान की चोरी होने पर चलती ट्रेन में सूचना देने का नियम बनाया गया है। ट्रेन में स्कोर्ट करने वाले जवानों के पास एफआईआर दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है। लेकिन कुछ विशेष ट्रेनों में इसकी व्यवस्था होने से पैंसेजर को नजदीक के जीआरपी थाना में सूचना देनी पड़ती है। मुकदमा दर्ज कर जीआरपी विवेचना करती है। ऐसे मामलों के निस्तारण में लापरवाही बरतने की शिकायतें सीनियर अफसरों को मिल रही थीं। इसको देखते हुए ट्रेन में सामान चोरी होने पर सात दिन के अंदर मामलों का निस्तारण करने की गाइड लाइन तय की गई है। यह भी कहा गया है कि ट्रेन के रिजर्व कोच में आरक्षित यात्रियों के सिवा किसी अन्य का प्रवेश नहीं हो सकता है। लोगों के गलत तरीके से प्रवेश करने पर टीटीई और जीआरपी की जिम्मेदारी होगी। ट्रेन के रिजर्व पैंसेजर का सामान चोरी होने पर वह भी जिम्मेदार ठहराए जाएंगे।

निर्देश से निस्तारण में आई तेजी

ट्रेन यात्रियों का सामान चुराने वालों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। 16 जनवरी को कविगुरु एक्सप्रेस में महिला यात्री का हैंडबैग चोरी हो गया था। महिला यात्री ने ट्रेन में एफआईआर दर्ज कराई। इसकी जांच जीआरपी और आरपीएफ के जिम्मे सौंपी गई। लेकिन आरपीएफ ने बाजी मार ली। महिला का सामान चुराने वाली पायल उर्फ सानिया को अरेस्ट कर उसके पास से चोरी का माल बरामद कर लिया। एक माह के अंदर जीआरपी और आरपीएफ की टीम रेलवे स्टेशन और ट्रेन में सक्रिय 13 से अधिक चोरों को अरेस्ट करके जेल भेज चुकी है।

वर्जन

ट्रेन यात्रियों के सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कोर्ट कर रहे सुरक्षा कर्मचारियों की होती है। किसी यात्री का सामान चोरी होने पर उसकी सूचना दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। ट्रेन में चोरी करने वाले गैंग पर कार्रवाई करते हुए कई बदमाशों को जेल भेजा गया है।

आनंद सिंह, इंस्पेक्टर, जीआरपी थाना

Posted By: Inextlive