- सिटी के कई मानक विहीन लगे हैं ट्रांसफॉर्मर

- इन ट्रांसफॉर्मर को लेकर अक्सर हो रही छोटी-छोटी घटना

- पब्लिक के कंप्लेन के बाद भी नहीं लगा रहे जाली

GORAKHPUR: शहर में बिजली विभाग ने हर चौराहे और मुहल्लों में जानलेवा ट्रांसफॉर्मर लगाकर छोड़ दिया है। बिजली विभाग के अफसर जानते भी हैं, लेकिन सुविधा देने के नाम पर लगा यह ट्रांसफॉर्मर पब्लिक के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है। आवारा जानवारों के लिए जानलेवा है। बिजली विभाग के अफसरों को काम न करना पड़े और विभाग का कम खर्च हो इसके लिए यह कार्य हो रहा है। शहर में लगभग 360 ट्रांसफॉर्मर ऐसे हैं, जो रोड पर बिना जाली और रेलिंग के ख्ाड़े हैं।

यहां तो पार्क में ही रख दिया ट्रांसफॉर्मर

क्षमता- 250 केवीए

नेता जी सुभाषचंद बोस नगर कॉलानी के शिव मंदिर पार्क पिछले पांच साल से सूना है। यहां के लोग अपने बच्चों को पार्क में बिजली विभाग के डर से खेलने नहीं देते हैं। पांच साल पहले बिजली विभाग पार्क के एक हिस्से में ट्रांसफॉर्मर ले जाकर रखा दिया। लोगों के कहने के बाद जाली तो लगा दिया गया, लेकिन पार्क में केवल फैला होने के डर से जाते ही नहीं है।

जाफरा बाजार में बीच मोहल्ले खतरे जान

क्षमता- 250 केवीए

जाफरा बाजार एरिया के बड़े काजीपुर के मेन गली में लोगों की भगवान ही सुरक्षा कर रहा है। तीन फीट ऊंचे चबूतरे पर रखे गए 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लोगों को रात होते ही डराने लग गया है। राजेश सिंह का कहना है कि एक तो पूरे साल ट्रांसफॉर्मर के तेल का रिसाव होता रहता है। इसके कारण दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। रात को ट्रांसफॉर्मर के पास अंधेरा हाे जाता है।

बेनीगंज चौराहे पर मुड़ने से डर लगाता है

क्षमता- 400 केवीए

यह ट्रांसफॉर्मर बहुत खतरनाक मोड़ पर है। एक तरह से यहां अंधा मोड़ भी है, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से यह मोड़ और भी खतरनाक हो गया है। स्थिति यह है कि 400 केवीए के लगे ट्रांसफॉर्मर की दो तरफ की जाली टूट गई है। एक तरफ का हिस्सा खुला है, एक तरफ टेलीफोन बाक्स लगाया गया है।

लगभग 360 ट्रांसफॉर्मर दे रहे दुर्घटना को दावत

रानीबाग, राप्तीनगर, करीम नगर, हड़हवा फाटक, बेनीगंज तिराहा, एचएन सिंह चौराहे से 100 मीटर पहले सहित शहर में कई जगहों पर रोड के किनारे खुले में ट्रांसफॉर्मर रखे हैं। इन ट्रांसफॉर्मर से सबसे अधिक परेशानी रात लाइट न रहने के बाद होती है। कई बार रात को लाइट न रहने के कारण अंधेरे में गाडि़यां या लोग ट्रांसफॉर्मर से टकरा जाते हैं। पिछले एक माह के आंकड़ों पर नजर डाले तो ट्रांसफॉर्मर में जाली न होने के कारण आधा दर्जन जानवर मर चुके हैं। 3 अप्रैल को रसूलपुर में एक बकरी घास खाते हुए ट्रांसफॉर्मर के केबल तक पहुंच गई और करंट लगने के कारण मौत हो गई। नेताजी सुभाषचंद बोस नगर कॉलोनी के दो पार्क में कोई भी बच्चा खेलने नहीं जाता है। कारण यह है कि इन पार्क में ट्रांसफॉर्मर दो से तीन फीट ऊपर खुले में रखे गए हैं।

यह है नियम

महानगर विद्युत वितरण निगम आरआर सिंह का कहना है कि रोड या आबादी के बीच नीचे रखे हुए ट्रांसफॉर्मर अगर मानक के हिसाब से नहीं रखे गए हैं तो कोई बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। ट्रांसफॉर्मर खुले में नहीं रखना चाहिए। ट्रांसफॉर्मर के किनारे फैंसिंग, रेलिंग या जाली लगा होना चाहिए। खुले में रखे ट्रांसफॉर्मर से कभी भी विभाग को लाखों को नुकसान हो सकता है। अगर इन ट्रांसफॉर्मर से कभी कोई जानवर टकरा जाए तो उसकी मौत होने के साथ ही साथ ट्रांसफॉर्मर भी जल जाता है, जिससे विभाग को लाखों रुपए का नुकसान भी हो सकता है।

वर्जन

शहर में कई काम हो रहे हैं, कई एरिया के तार बदले जा रहे हैं और ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इस योजना में जाली लगाने की भी योजना है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

आरआर सिंह, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम

Posted By: Inextlive