- पब्लिक में बढ़ी जागरूकता, सामने आने लगी शिकायतें

- गुलरिहा में सिपाहियों की सूचना हुई लीक, कर लिया मैनेज

GORAKHPUR: शहर के सरकारी दफ्तरों में काम के बदले पब्लिक से रुपए मांगने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर लगातार शिकंजा कसेगा। ट्रैप टीम की कार्रवाई से पब्लिक की शिकायतें भी बढ़ने लगी हैं। लोगों को उम्मीद है कि रुपए के लिए पब्लिक को परेशान करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ट्रैप टीम कार्रवाई कर सकेगी। हाल के दिनों में आई शिकायतों पर ट्रैप टीम एक्शन में है। मंगलवार को टीम ने इंजीनियरिंग कॉलेज के पास बिजली निगम के एक कर्मचारी को अरेस्ट किया। ट्रैप टीम के प्रभारी का कहना है कि धरपकड़ होने से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं। अपने काम को लेकर पब्लिक भी जागरूक हुई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जा रही है। इस साल अभी तक कुल 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

पब्लिक की जागरूकता से बढ़ गई शिकायतें

पुलिस लाइन कैंपस में भ्रष्टाचार निवारण संगठन सीआईडी यूपी के डीएसपी का ऑफिस है। एक समय ऐसा था कि इस ऑफिस में कभी-कभी कोई शिकायत पहुंचती थी। लेकिन कार्रवाई होने से लोग गोपनीय शिकायतें कर रहे हैं। हाल के दिनों में इस दफ्तर में विभिन्न विभागों में काम के बदले घूस मांगने की करीब एक दर्जन एप्लीकेशन पहुंची। जिन पर कार्रवाई करते हुए ट्रैप टीम ने 10 लोगों को अरेस्ट किया। इनमें पुलिस विभाग, जीडीए, बिजली विभाग, राजस्व सहित अन्य जगहों पर तैनात कर्मचारी शामिल हैं। ट्रैप टीम से जुड़े लोगों का कहना है कि परेशान होने के बाद लोग उनके पास पहुंचते हैं। ऐसे में कार्रवाई न होने पर लोगों का भरोसा टूट जाता है। इसलिए सीएम सिटी में करप्शन पर वार करने के लिए ट्रैप टीम भी पूरी तरह से एक्शन में आ गई है।

विभाग में नहीं होती कार्रवाई, टूटता भरोसा

एंटी करप्शन ट्रैप टीम से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकारी विभागों में काम के बदले घूस मांगना आम बात है। कई बार लोग रुपए देने के बाद भी हलकान होते हैं। पब्लिक से धनउगाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मामलों में विभागीय अधिकारी शिकायतों को दबा जाते हैं। कोई मामला आने पर अधिकारियों की कोशिश होती है कि मैनेज हो जाए। थकहारकर लोग एप्लीकेशन देकर कार्रवाई की मांग करते हैं।

10 हजार मांगने में बाल-बाल बच गए सिपाही

गुलरिहा थाना में तैनात दो सिपाही ट्रैप होने से बाल-बाल बच गए। सरहरी क्षेत्र में रहने वाले एक युवक के बकाया रुपए दिलाने के एवज में दोनों सिपाही 10 हजार रुपए मांग रहे थे। तंग आकर युवक ने दोनों को ट्रैप कराने का प्लान बनाया। सोमवार को सिपाहियों को रकम देने की बातचीत चल रही थी। इस बीच कहीं से मामला लीक होने पर सिपाहियों को भनक लग गई। रविवार को युवक को बुलाकर दोनों सिपाहियों ने किसी तरह से मामला मैनेज कर लिया। हालांकि थाना पर हुई पंचायत की चर्चा पूरे इलाके में फैल गई। दोनों सिपाही अपना ट्रांसफर कराकर वहां से खिसकने की तैयारी में जुट गए हैं।

हाल के दिनों में इनके खिलाफ हुई कार्रवाई

17 सितंबर 2019: ट्रैप टीम ने बिजली निगम सिद्धार्थनगर में तैनात सहायक लेखाकार अवनीश सिंह को अरेस्ट किया। वह ठेकेदार से 22 हजार रुपए की घूस लेने गोरखपुर आया था।

12 सितंबर 2019: बेलघाट थाना में दर्ज मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाने के बदले में दरोगा आशीष मिश्रा ने रुपए मांगे थे। पुलिस लाइन के पास 40 हजार रुपए नकदी लेते हुए रंगहाथ गिरफ्तार हुए।

5 सितंबर 2019: जीडीए के मानचित्र विभाग में तैनात महिला क्लर्क दीपा प्रियदर्शी को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए ऑफिस में टीम ने अरेस्ट किया। शाहपुर, हरसेवकपुर मोहल्ला निवासी शैलेंद्र श्रीवास्तव ने उसके खिलाफ शिकायत की थी।

27 जून 2019: एंटी करप्शन यूनिट ने खलीलाबाद कोतवाली में तैनात श्रीकांत चौबे को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए अरेस्ट किया। बांसगांव के सरबसी निवासी शत्रुघ्न सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी।

तीन साल में हुई कार्रवाई

वर्ष 2019 सितंबर माह तक 10

वर्ष 2018 08

वर्ष 2017 05

गोरखपुर यूनिट में शामिल जिले

गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, संतकबीर नगर, बस्ती और सिद्धार्थनगर

वर्जन

पब्लिक के भीतर जागरूकता आने से शिकायतें बढ़ी हैं। मामला सामने आने पर कार्रवाई की जा रही है। यदि पीडि़त किसी के खिलाफ कोई जानकारी देते हैं तो ट्रैप टीम उसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई कर रही है।

देव प्रकाश रावत, टीम प्रभारी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, गोरखपुर इकाई

Posted By: Inextlive