- इमरजेंसी के बाहर आधे घंटे तक चला अंधविश्वास का खेल

- तीन दिन पहले महिला को बिच्छू ने मारा था डंक

- डॉक्टर्स ने सोखा को अस्पताल से भगाया

GORAKHPUR: चिकित्सा विज्ञान भले ही कितना ही आगे पहुंच गया हो, आज भी अंधविश्वास खत्म नहीं हुआ है। शनिवार को एक महिला जिला अस्पताल में पहुंची तो थी इलाज कराने के लिए लेकिन वहां उसने डॉक्टर से अधिक भरोसा सोखा पर किया। जिला अस्पताल में इमरजेंसी के सामने ही झाड़-फूंक शुरू हो गया। आधे घंटे तक यह सब चलता रहा। जैसे ही इसकी भनक डॉक्टर्स को लगी, उन्होंने हेल्थ एंप्लाइज को भेजकर वहां से सोखा को भगाया। अभी कुछ महीने पहले भी यहां ऐसा ही वाकया हुआ था।

बिच्छू ने मारा था डंक

खजनी एरिया के गोड़सहड़ा गांव के रहने वाले प्यारेलाल की पत्‍‌नी ममता देवी को तीन दिन पहले बिच्छू ने डंक मार दिया था। घर वाले उन्हें लेकर स्थानीय सरकारी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने उपचार कर दिया मगर उन्हें विश्वास नहीं हुआ। बेहतर इलाज के लिए वे शनिवार की दोपहर तीन बजे के करीब जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। यहां भी डॉक्टर ने देखा और कुछ अन्य जरूरी इंजेक्शन लगा दिए और आराम करने को कहा। मरीज ममता देवी आराम कर रही थी कि ऑर्थो वार्ड में भर्ती गुड्डू नाम के मरीज का तीमारदार बेलीपार थाना क्षेत्र के एकडंगा निवासी रामदयाल मिश्र ने झाड़-फूंक कराने का सुझाव दिया। अनिल ने उससे सोखा का पता पूछा तो कुछ खर्चे में वह खुद को इसका जानकार बताते हुए झाड़-फूंक करने के लिए तैयार हो गया। फिर क्या था इमरजेंसी के बाहर ही सोखा की दुकान चल पड़ी।

बताया भूत का साया

सोखा रामदयाल मिश्र ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर ही महिला की झाड़-फूंक शुरू कर दी। मंत्र की तरह वह कुछ बुदबुदाने लगा लेकिन महिला की हालत में इससे कोई सुधार नहीं हुआ। इस पर उसने कहा कि महिला पर भूत प्रेत का साया है। पूजा पाठ व शुद्धिकरण से ही इससे छुटकारा मिल पाएगा। इस दौरान किसी ने डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी। डॉक्टर्स ने तत्काल हेल्थ एंप्लाइज को मौके पर भेजकर उसे बाहर भगाया।

सोखा के चक्कर में फंसकर लोग खुद बीमार पड़ रहे हैं। आज भी लोगों के अंदर अंधविश्वास कायम है। मामले की जानकारी होते ही झाड़-फूंक करने वाले को भगा दिया गया।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, चिकित्सा अधीक्षक

Posted By: Inextlive