RANCHI: रिम्स में व्यवस्था अब पटरी पर लौटने लगी है। इस बीच अब किसी भी मरीज का इंप्लांट के चक्कर में इलाज नहीं रुकेगा। वहीं उन्हें इलाज के लिए महीनों तक वेटिंग में नहीं रहना होगा। चूंकि रिम्स प्रबंधन ने स्टोर की व्यवस्था दुरुस्त कर ली है, 24 घंटे में इंप्लांट डिपार्टमेंट को मिल जाएगा। वहीं तत्काल मरीजों का आपरेशन कर दिया जाएगा। ऐसे में मरीजों को इलाज के बाद तुरंत छुट्टी भी मिल जाएगी। बताते चलें कि इंप्लांट अवेलेबल नहीं होने के कारण मरीजों को काफी दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।

24 घंटे के अंदर मिलेगा इंप्लांट

हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद उनका इलाज शुरू किया जाएगा। इसके बाद जैसे ही डॉक्टर किसी इंप्लांट की डिमांड करते हैं तो 24 घंटे के अंदर स्टोर से उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा। जिससे कि तत्काल मरीज का आपरेशन किया जा सकेगा। ऐसे में मरीज भी जल्दी रिकवर होकर घर जा सकेगा। वहीं मरीजों का लोड भी हॉस्पिटल पर कम हो जाएगा।

बार-बार टेंडर से मिला छुटकारा

इंप्लांट की सप्लाई के लिए रिम्स प्रबंधन ने अलग-अलग सप्लाई करने वाली एजेंसियों से टाईअप कर लिया है। ये लोग हॉस्पिटल में रेगुलर जरूरत पड़ने वाली इंप्लांट्स को भारी मात्रा में उपलब्ध कराएंगे। इससे कभी भी जरूरत पड़ने पर डिपार्टमेंट को दे दिया जाएगा। इतना ही नहीं बार-बार इंप्लांट के लिए किए जाने वाले टेंडर से भी छुटकारा मिल जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था ऑर्थो और न्यूरो में लागू की जा रही है। इसके बाद सीटीवीएस और यूरोलॉजी में भी सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

न्यूरो-ऑर्थो में 15-20 दिन में आता था नंबर

हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा भीड़ वाले वार्ड न्यूरो, आर्थो और कार्डियोलॉजी है, जहां पर पहले मरीजों को एडमिट के बाद इंप्लांट के लिए टेंडर निकाला जाता था। इस चक्कर में मरीज वार्ड में अपनी बारी आने का इंतजार करते थे। वहीं कई मरीज तो इस चक्कर में दूसरे हॉस्पिटलों का भी रुख कर लेते थे। लेकिन अब मरीजों का भरोसा एकबार फिर लौटेगा।

हमने सप्लाई एजेंसी से करार कर लिया है। ये लोग हमे रेगुलर सप्लाई देंगे ताकि मरीजों को इंतजार न करना पड़े। हमारी कोशिश है कि मरीजों को जल्द इलाज के बाद छोड़ दिया जाए। जिससे कि अधिक से अधिक मरीजों का इलाज रिम्स में हो सकेगा।

डॉ। संजय कुमार, डीएस, रिम्स

Posted By: Inextlive