- लावारिस पेशेंट्स की शुरू हुई तीमारदारी

- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने की पहल

GORAKHPUR : मुन्ना भाई एमबीबीएस की कहानी तो आपको याद ही होगी। एमबीबीएस में दाखिला लेने के बाद मुन्ना भाई यानि संजय दत्त की नजर हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट आंनद बनर्जी पर पड़ती है। ब्रेन डेड डिक्लेयर किए गए आनंद बनर्जी को प्रोफेसर और स्टूडेंट सिर्फ पढ़ाई के लिए यूज करते हैं, लेकिन उनकी भावनाएं कोई नहीं समझता। मेडिकल स्टूडेंट्स मान लेते हैं कि ब्रेन डेड आनंद कभी ठीक नहीं हो सकेगा, लेकिन मुन्ना भाई की झप्पी आनंद को इस दुनिया में वापस लाती है। कुछ ऐसा ही सिलसिला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में शुरू हुआ है। जिला अस्पताल के डॉक्टर ने इस तरह की पहल की है जिसके तहत लावारिस एडमिट होने वाले पेशेंट्स का ख्याल रखा जा रहा है।

लावारिस पेशेंट्स की सही ढंग से होगी देखभाल

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में तमाम लावारिस पेशेंट्स लाए जाते हैं। रोजाना आने वाले पेशेंट्स में कई मानसिक रोगी होते हैं। हालात के मारे इन पेशेंट्स की हालत ऐसी होती है कि वे अपना दर्द किसी से बयां नहीं कर पाते। जिला अस्पताल की तरफ से उनको बेड, मेडिसिन मिल जाती है, आस-पास एडमिट पेशेंट के तीमारदार बचा हुआ खाना उन्हें दे देते हैं, लेकिन ऐसे मरीजों की तीमारीदारी नहीं हो पाती है। उनके कपड़े बदलने, बाथरूम ले जाने सहित कई ऐसे काम होते हैं जिनके लिए सहयोगी की जरूरत पड़ती है।

पेशेंट्स की देखभाल के लिए लगाए हैं दो कर्मचारी

लावारिस हाल पेशेंट्स की देखभाल के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ही एक सीनियर डॉक्टर की तरफ से दो लोगों को लगाया गया है। एक हफ्ते से दोनों व्यक्ति अपना काम कर रहे हैं। लावारिस हाल में भर्ती होने वाले पेशेंट्स की देखरेख करने वाले दोनों कर्मचारियों को डॉक्टर अपनी तरफ से सैलरी देंगे। ये लोग पेशेंट्स को नये कपड़े देने, शेविंग कराने जैसे कामों में उनकी मदद करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि इसमें सिटी के कुछ लोगों की मदद भी मिल रही है। सीएमएस ने भी इसके लिए परमिशन दे दी है।

यहां पर लावारिस पेशेंट्स की हालत देखकर इस तरह के प्रयास की जरूरत पड़ी। इससे उन पेशेंट्स की मदद हो सकेगी जिनके आगे-पीछे कोई नहीं। अच्छे कपड़े, समय से दवाई, नैचुरल कॉल पर उनकी मदद करने के लिए दो कर्मचारी लगाए गए हैं। मैं अपनी तरफ से दोनों कर्मचारियों को सैलरी दे रहा हूं।

डॉ। रहमत अली, सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

मुझसे लावारिस पेशेंट्स की मदद के लिए इजाजत मांगी गई थी, मैंने हेल्प की परमिशन दे दी है। इससे इन पेशेंट्स को काफी मदद मिलेगी।

डॉ। सुधाकर, सीएमएस

Posted By: Inextlive