अस्पतालों में डॉक्टर्स की सेफ्टी का खर्च भी देना पड़ रहा है मरीजों को

- प्रोटेक्शन किट और कोविड जांच के लिए एक्सट्रा चार्ज

- प्राइवेट अस्पतालों में पहले के मुकाबले महंगी हुई सर्जरी

केस-1

32 हजार का बिल

परतापुर में रहने वाले एक मरीज को लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी में सर्जरी करवानी पड़ी। आम दिनों में इस सर्जरी का पैकेज जहा 20 से 22 हजार रूपये था, वहीं लॉकडाउन में अस्पताल ने 32 हजार का बिल थमा दिया।

केस-2

सेफ्टी चार्ज भी जोड़ा

जागृति विहार की महिला को सिजेरियन डिलीवरी करानी पड़ी। इस दौरान कोविड-19 जांच समेत अस्पताल की सेफ्टी तक का खर्च बिल में जोड़ कर मरीज को थमा दिया गया।

Meerut । कोरोना काल में जहां आम मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा, वहीं इमरजेंसी सेवाएं भी पॉकेट पर भारी पड़ रही हैं। सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स की सेफ्टी से लेकर अस्पताल को संक्रमण मुक्त रखने तक का खर्च मरीज को उठाना पड़ रहा है। आलम ये है कि जहां कई अस्पतालों ने इमरजेंसी सर्विसेज के रेट्स डबल तक कर दिए हैं वहीं पैकेज रेट्स में भी भारी-भरकम इजाफा हो गया है।

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11 हजार तक में जांच और किट

कोविड-19 का इंफेक्शन चारों तरफ फैला हुआ है। डॉक्टर्स सेफ्टी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में इलाज और सर्जरी के दौरान लगभग 7 से 11 हजार रूपये का खर्च मरीज को उठाना ही पड़ रहा है। इसमें 45 सौ रूपये में कोविड-19 की प्राइवेट टेस्टिंग हैं जबकि साढ़े 6 हजार तक का खर्च प्रोटेक्शन किट का भी जरूरी हो गया। हालांकि हाल- फिलहाल में प्राइवेट में टेस्टिंग के रेट कम हुए हैं। मरीजों का कहना हैं कि इमरजेंसी सर्विस के लिए टेस्ट तुरंत कराना होता है। पब्लिक लैब की रिपोर्ट दो से तीन दिन में आती हैं। मजबूरन प्राइवेट का ही ऑप्शन अपनाना पड़ता है।

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90 फीसदी तक बढ़ी डिमांड कभी-कभार यूज होने वाली प्रोटेक्शन किट की डिमांड भी कोरोना काल में हाइप ले रही है। एचआईवी किट के तौर पर पहले इसकी डिमांड केवल 10 फीसदी तक ही थी। ब्लड इंफेक्शन डिजीज के ग्रस्त मरीज की सर्जरी में इसका यूज होता था। सर्जिकल होलसेलर्स के अनुसार अब इसकी डिमांड लगभग हर सर्जरी में होती है।

ये है प्रोटेक्शन किट

प्रोटेक्शन किट डॉक्टर्स को इलाज के दौरान किसी भी इंफेक्शन से बचाने का काम करती है.एक किट में चार लोगों के लिए यूज हो सकती है। इसमें कैप, शू कवर, गाउन, गॉगल्ज, फेसकवर आदि सभी उपकरण होते हैं। पहले इसका यूज अधिकतर एचआईवी इंफेक्टिड, पीलिया, हेपेटाइिटस आदि की सर्जरी में होता था।

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इनका है कहना

कोरोना महामारी है। एक भी पेशेंट अगर इंफेक्टिड होता है तो पूरा अस्पताल स्टॉफ खतरे में आ जाता है। इमरजेंसी मरीज को इलाज देना भी जरूरी होता है। जो खर्च बढ़ा है वह कोरोना वायरस की वजह से ही बढ़ा है। ये परमानेंट नहीं हैं।

डॉ। संदीप जैन

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कोरोना के दौरान सर्जरी करना बेहद रिस्की है। अगर पेशेंट पॉजिटिव निकलता है तो डॉक्टर समेत स्टॉफ को भी क्वारंटीन होना पड़ता है। ऐसे में बचाव और सावधानी बरतना जरूरी है।

डा। अनिल नौसरान, आईएमए सचिव

प्रोटेक्शन किट अब सर्जरी का जरूरी हिस्सा हो गया है। इसकी डिमांड 90 फीसदी तक बढ़ी है। सíजकल आइटम के साथ इसकी भी मांग आ रही है।

गगन, सर्जिकल होलसेलर, खैर नगर

Posted By: Inextlive