Tree Break

शासन दे रहा बजट, पौधरोपण भी हो रहा, फिर भी नहीं दिख रही हरियाली

दो हिस्सों में बंट गया है शहर, कहीं औसत संख्या में दिख रहे पेड़ तो कहीं नजारा ठीक उलट

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रदेश सरकार ने वन क्षेत्र के विस्तार और शहरी क्षेत्र के डेवलपमेंट के लिये लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। आबादी के अनुपात में जिलेवार हरियाली को स्थापित करने के लिये बाकायदा बजट भी शासन देता है। लेकिन हकीकत में नजारा इसके उलट है। जैसे जैसे शहरीकरण हो रहा है, वनक्षेत्र का विनाश भी हो रहा है। इसकी हकीकत हमारे आसपास और आंख के सामने ही दिख रही है।

टैगोर टाउन और चौक में ही अंतर

एग्जाम्पल के रूप में जार्जटाऊन, टैगोर टाऊन, यूनिवर्सिटी रोड, कैंट एरिया, सिविल लाइंस, कंपनी बाग इत्यादि हैं। वहीं शहर का दूसरा हिस्सा चौक, मुट्टीगंज, कीडगंज, दारागंज, खुल्दाबाद, करैली आदि है। इन दोनो हिस्सों में बड़ा डिफरेंस देखने को मिलता है। पुराने शहर में जहां दिन में पैर रखने की भी जगह नहीं नजर आती और हर तरफ एक दूसरे से सटे मकान और दुकाने ही नजर आती हैं। वहीं नये शहर की खासियत है कि यहां रहने के लिये जगह का फैलाव व्यापक स्तर पर नजर आता है। साफ सुथरे क्षेत्र भी बहुतायत में हैं। दोनो एरियाज का बिग डिफरेंस यह है कि यूनिवर्सिटी रोड और टैगोर टाऊन जैसी जगहों पर जहां औसत हरियाली नजर आती है। वहीं पुराने शहर में हरियाली का निशान मिटने की कगार पर है। इसका बड़ा एग्जाम्पल चौक स्थित ऐतिहासिक नीम का पेड़ भी है। जिनमें पत्तियां तो हैं लेकिन देखरेख और भयंकर प्रदूषण के चलते यह दूर से देखने में ही किसी बीमार वृद्ध की तरह दिखता है।

कई और विभाग भी लगाते हैं पेड़

गंगापार और यमुनापार में भी तेजी से शहरीकरण हावी हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब शासन बजट दे रहा है और वन विभाग पौधे भी लगा रहा तो शहर की हरियाली क्यों मिटती जा रही है? बता दें कि पौधरोपण का काम समय समय पर पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, एडीए, नगर निगम, ग्राम विकास विभाग आदि भी करते हैं।

Point to be noted

वन क्षेत्र को मुख्यत: आरक्षित, संरक्षित व अवर्गीकृत क्षेत्रों के अन्तर्गत विभाजित किया गया है।

वैज्ञानिक प्रबन्धन के उद्देश्य से पंचायती क्षेत्र, निजी वन, नगर पालिका, कैन्ट तथा अन्य क्षेत्र के वन भी परिभाषित हैं।

वर्तमान में प्रदेश में कुल 16,58,153 हे। वनक्षेत्र है।

इलाहाबाद में वृक्षारोपण के लिये सड़क किनारे उपलब्द्ध भूमि एवं अवनत भूमि करीब 1100 किलोमीटर

इलाहाबाद जोन में वन विभाग के आधीन वन क्षेत्र 30,273 हेक्टेयर

वन क्षेत्र में सालाना अनुमानित वृक्षारोपण 13.43 लाख

सामुदायिक क्षेत्र में सालाना अनुमानित वृक्षारोपण 10.80 लाख

प्रदेश का कुल वन राजस्व 35,508.73 लाख अनुमाति

पूरे प्रदेश में विभाग के कुल 1,62,104 हे। क्षेत्रफल में 1647 पौधालय स्थापित हैं।

जिनमें पौध उगाने की क्षमता 1672.32 लाख है।

कुल 204.30 हे। क्षेत्र में 264 किसान पौधालय स्थापित हैं।

यहां 258.49 लाख पौध उगाने की क्षमता है।

अन्य क्षेत्र के पौधालयों के अन्तर्गत कुल 109.40 लाख पौध उगाने वाले पौधालय स्थापित है।

इलाहाबाद जोन में पौधालय की संख्या 150

इनमें रोपित पौधों की संख्या 71.92 लाख

हमारी ओर से पूरी कोशिश की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण किया जाये। इसके लिये लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। लोग सिर्फ पर्यावरण दिवस पर ही तत्परता न दिखायें। बाकी दिनो में भी उतना ही जागरूक रहें। एक बात और जहां बेतरतीब तरीके से डेवलपमेंट हो रहा है। विकास कार्य से जुड़े विभागों को जिम्मेदारी दी जाती है कि वे एक पेड़ काटें तो उसकी जगह दो पेड़ लगायें। जाहिर है कि अगर सिटी में पेड़ों की संख्या घट रही है तो ऐसा नहीं किया जा रहा।

-मनोज खरे,

जिला वन अधिकारी

Posted By: Inextlive