तीन तलाक बिल मंगलवार को रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में पेश किया। राज्यसभा में इस बिल पर घंटों तक लंबी चर्चा चली। इस दाैरान कानून मंत्री ने विपक्षी दल से भी इस बिल को पास करने का आग्रह किया।

नई दिल्ली, (पीटीआई) संसद ने मंगलवार को तीन तलाक से संबंधित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 99 व विरोध में 84 मत पड़े। बीजेडी ने इसका समर्थन किया वहीं एनडीए के सहयोगी दलों जदयू व एआईएडीएमके ने वॉक आउट किया। एसपी, बीएसपी, टीआरएस व वाईएसआर कांग्रेस के भी कई सदस्य इस दौरान अनुपस्थित रहे। सत्तारूढ़ एनडीए के 242 सदस्यीय राज्यसभा में 107 सदस्य हैं। लोकसभा में यह विधेयक पिछले सप्ताह ही पास हो चुका है। इसके तहत तीन तलाक देने पर तीन साल तक जेल की सजा हो सकती है।

कानून मंत्री ने पेश किया बिल
इससे पहले रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्यसभा में ट्रिपल तालक विधेयक पेश किया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस पर चर्चा करने के लिए चार घंटे का समय दिया है। इस दाैरान उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। यह मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 है।

राजनीतिक चश्मे या वोट बैंक के जरिए नहीं देखा जाना चाहिए

कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी तीन तलाक दिए जा रहे हैं। इस विधेयक को पिछले सप्ताह लोकसभा ने पारित कर दिया है। विधेयक को आगे बढ़ाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस प्रस्तावित कानून को किसी राजनीतिक चश्मे या वोट बैंक के जरिए नहीं देखा जाना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में जेंडर डिग्निटी (गरिमा) और इक्वलिटी (समानता) को सुनिश्चित करना है।

Union Minister Ravi Shankar Prasad on introducing Triple Talaq bill in Rajya Sabha: This is a matter of gender justice, dignity and equality. https://t.co/VPrZpVrUUV

— ANI (@ANI) July 30, 2019


राज्यसभा में कांगे्रस समेत कुछ दल इस बिल का विराेध कर रहे
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद ट्रिपल तालाक के करीब 574 मामले सामने आए हैं। इसलिए अब हम यह कानून लाए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रथा पर  20 से अधिक मुस्लिम देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है फिर भारत में क्यों नहीं प्रतिबंध लगाया जा रहा है। राज्यसभा में कांगे्रस इस बिल का विराेध कर रही है।
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सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा है यह बिल
इस तीन तलाक बिल के विरोध में गुजरात से कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 में एक बार में तीन तलाक को अवैध, शून्य और अपराध बनाया गया है और इसमें पति के लिए तीन साल कैद की सजा का प्रावधान है। इससे कई विपक्षी दल इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
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Posted By: Shweta Mishra