प्रयागराज: मुंह मांगा दहेज न मिलने पर सऊदी से फोन कर बोला तलाक..तलाक..तलाक
प्रयागराज (ब्यूरो)। तीन तलाक बिल संसद से पास होने के बाद जिला स्तर के ऑफिसर्स भले ही अॅवेयर न हुए हों, मुस्लिम समाज की महिलाएं जागरूक होने लगी हैं। सात अगस्त को पहला मामला सामने आया तो लोकल पुलिस ने यह कहते हुए महिला को लौटा दिया कि अभी उनके पास इसका नोटिफिकेशन नहीं आया है। इसके बाद भी महिला ने हिम्मत नहीं हारी और एडीजी तक पहुंच गयी। यहां से उसे साल्यूशन भी मिल गया। एडीजी के निर्देश पर जिले में तीन तलाक का पहला मामला दर्ज किया गया है।
नए कानून ने दी महिलाओं को हिम्मत
मुस्लिम महिलाओं को मुंह मांगा दहेज न लाने या फिर अन्य किसी बात को लेकर पहले भी तीन तलाक दिया जाता था। तीन तलाक का मामला तब थाने नहीं पहुंचता था क्योंकि, इस पर कोई कानून नहीं था। महिलाएं थाने जाने से डरती थीं। केन्द्र सरकार के फैसले ने महिलाओं को हिम्मत दी है, इसका उदाहरण है प्रयागराज में बिल पास होने के 15 दिन के भीतर दर्ज हुआ पहला केस।
सबीना ने दिखाई हिम्मत, उठाई आवाज
उत्पीड़न सहने के बाद भी आवाज न उठाने वाले अपने समाज की महिलाओं के लिए एग्जाम्पल बनी हैं खीरी की रहने वाली सबीना। उनका निकाह 2 अप्रैल 2018 को घूरपुर एरिया के अशरफ के साथ हुआ था। शादी में मुंहमांगा दहेज न मिलने पर ससुरालवालों ने सबीना को उत्पीडि़त करना शुरू कर दिया। मारने-पीटने और कमरे में बंद कर खाना न देने जैसा कृत्य किया गया। करीब एक साल तक प्रताड़ना झेलती रही सबीना को शॉक लगा जब एक अगस्त को पति ने सउदी से मोबाइल पर कॉल करके तीन बार तलाक बोल दिया।
7 अगस्त को सबीना अधिवक्ता और परिवार वालों के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंची
मोबाइल पर तीन तलाक दिए जाने की शिकायत की। जिस पर अफसरों ने बताया कि अभी विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 लागू नहीं हुआ है
8 अगस्त को पीडि़ता ने एडीजी से शिकायत की। एडीजी ने एसएसपी को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दियाइसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गयी। इसमें पति असरफ अली, ससुर गुलाम रसूल, सास सोना बेगम, ननद बानो और रेशमा बेगम को नामजद किया गया है।prayagraj@inext.co.in