चुनावी सम्मेलन से पब्लिक की परेड
- परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ भाजपा का त्रिशक्ति सम्मेलन
- सम्मेलन के लिए परेड ग्राउंड एरिया किया गया था जीरो ट्रैफिक जोन - शहर में जगह-जगह बैरियर लगाकर रोका गया ट्रैफिक देहरादून, भाजपा के त्रिशक्ति सम्मेलन के दौरान शहर भर में यातायात व्यवस्था प्रभावित रही हालांकि पहले ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट प्लान जारी कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी पब्लिक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों को घंटाघर, सर्वे चौक, एस्ले हॉल, नगर निगम, दून अस्पताल जाने के लिए 10 से 15 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ा। ऐसे में खासतौर से दून अस्पताल जाने वाले मरीजों को को दिक्कत हुई। कड़ी सुरक्षा के चलते पुलिस के सिपाही किसी की मजबूरी समझने को तैयार नहीं थे। सुबह 7 बजे ही लगा दिए बैरिकेडसुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यातायात पुलिस ने सुबह सात बजे से ही शहर के अलग-अलग जगहों पर बैरिकेडिंग करनी शुरू कर दी थी। पेरड ग्राउंड इलाके में कोई भी वाहन प्रवेश न करे इसके लिए सर्वे चौक, बुद्धा चौक, एस्लहॉल, परेड ग्राउंड, तिब्बत मार्केट में बैरिकेड लगाए गए, प्रत्येक बैरिकेड पर आठ से दस सिपाही तैनात किए गए थे।
कई जगह पुलिस से उलझेअधिकांश बैरिकेड्स पर वाहन चालक और पुलिस की छिटपुट झड़पें भी इस दौरान देखने को मिली। टू व्हीलर सवार पुलिस के रोके जाने के बाद भी बैरिकेड क्रॉस करने पर तुले रहे। इसे लेकर पुलिस और वाहन चालकों के बीच कई बार टकरान की नौबत आई। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी बैरिकेड क्रॉस नहीं करने दिया।
पब्लिक कोट दून अस्पताल में अपने किसी परिजन को देखने के लिए घर से निकला। जिस सड़क से गुजरा वहीं बैरिकेड नजर आए। ऐसे में कर्जन रोड होते हुए अस्पताल पहुंचा। काफी दिक्कत हुई। - रीना सिंह ---------------------- नगर निगम में बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आया था। घर डीएल रोड पर है। जिधर देखो उधर बैरिकेड लगे हुए थे। मौके पर तैनात सिपाही से रिक्वेस्ट की लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था। - ममता पोसवाल ------------------- इस तरह के कार्यक्रम से आम लोगों को दिक्कत होती है। सरकार को इस तरह के आयोजन संडे को करने चाहिए। इस दिन ज्यादा भीड़भाड़ नहीं रहती। पांच किलोमीटर रास्ता तय करने में एक घंटा लग गया है। - बलवेंद्र सिंह --------------------परेड ग्राउंड में कार्यक्रम था और बैरिकेड तीन किलोमीटर पहले ही लगा दिये गए। जब पुलिस के पास पर्याप्त फोर्स है, तो बैरिकेड लगाने की जरूरत क्यूं पड़ती है। वाहनों के रूट डायवर्ट होते ही पूरा शहर जाम से हलकान हो गया।
प्रदीप कुकरेती --------------------