- दोनों लिफ्ट्स खराब, प्रेग्नेंट लेडीज को हो रही सांसत

GORAKHPUR: जिला महिला स्थित 100 बेड मैटरनिटी विंग में लगी लिफ्ट पेशेंट्स के लिए परेशानी का सबब बन गई है. रुक-रुक कर चल रही लिफ्ट एक हफ्ते पहले पूरी तरह बंद पड़ गई. लेकिन इसे ठीक कराने के लिए कोई भी अफसर जहमत नहीं उठा रहा. जिसके चलते पेशेंट्स और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

प्रेग्नेंट लेडीज झेल रहीं परेशानी

जिला महिला अस्पताल में बना 100 बेड मैटरनिटी विंग पूरी तरह हाईटेक बनाया गया है. चार माह पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बिल्िडग का उद्घाटन किया था. तब से अस्पताल में पेशेंट्स को चिकित्सकीय सेवा दी जा रही है. बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर और तीसरी मंजिल पर पैथोलॉजी स्थापित है जो चालू हालत में हैं. पिछले एक हफ्ते से इस बिल्डिंग की दोनों लिफ्ट खराब हैं. लिफ्ट खराब होने के कारण गर्भवती महिलाओं को सींिढ़यों से डिपार्टमेंट तक जाना पड़ता है. हालांकि इसकी जानकारी अस्पताल के एसआईसी को भी है लेकिन वह अभी तक लिफ्ट को ठीक नहीं करा सके.

बार-बार आती खराबी

नौ मंजिला मैटरनिटी विंग की लिफ्ट्स करीब एक माह से खराब हैं. सूत्रों की मानें तो पिछले शनिवार को दो स्टाफ नर्स लिफ्ट में फंस गई. जानकारी मिलने के बाद किसी तरह से उन्हें बाहर निकला गया. लिफ्ट को चलाने के लिए अभी तक किसी भी ऑपरेटर की तैनाती नहीं की जा सकी है. आलम यह है कि गर्भवती महिलाओं को लिफ्ट के बजाए सीढि़यों के सहारे दूसरी और तीसरी मंजिल पर जाना पड़ रहा है. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रशासन ने लिफ्ट को बंद कर बाहर से लिफ्ट खराब है का टैग लगा दिया है. शुक्रवार को अस्पताल आने वाले गंभीर पेशेंट्स को लिफ्ट की सेवा नहीं मिल सकी.

बिना ऑपरेटर चल रही थी लिफ्ट

100 बेड मैटरनिटी विंग चालू होने के बाद भी लिफ्ट ऑपरेटर की तैनाती नहीं की जा सकी है. जिसकी वजह से लिफ्ट सही ढंग से ऑपरेट नहीं हो पा रही है. इसमें आए दिन पेशेंट्स के साथ उनके फैमिली मेंबर्स और हेल्थ कर्मचारियों के फंसने का डर बना रह रहा है. रात में सबसे ज्यादा परेशानी होती है.

अस्पताल की ओपीडी - 500

इमरजेंसी - 50-60

सीजेरियन - 7-8

नॉर्मल डिलेवरी - 15-16

वर्जन

लिफ्ट पिछले एक हफ्ते से खराब है. इसके लिए आरएमएम कार्यदायी संस्था को पत्र लिखा गया है. जल्द ही उसे ठीक करवा लिया जाएगा. साथ ही शासन से लिफ्ट ऑपरेटर की डिमांड की गई है.

- डॉ. आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल

Posted By: Syed Saim Rauf