सुबह सात बजे बाबा की उत्सव डोली चोपता से पहुंची तुंगनाथ मंदिर।

RUDRAPRAYAG: पंचकेदार में शामिल तृतीय केदार श्री तुंगनाथ धाम के बुधवार को पौराणिक विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। कपाटोत्सव के मौके पर लगभग एक हजार भक्तों ने बाबा तुंगनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।

 

सवा दस बजे तुंगनाथ के कपाट

बीते सोमवार को बाबा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ से तुंगनाथ के लिए रवाना हुई थी। बुधवार को सुबह सात बजे चोपता में पुजारी ने भगवान तुंगनाथ की भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। इसके बाद भक्तों के जयकारों के बीच बाबा की उत्सव डोली तुंगनाथ के लिए रवाना हुई। लगभग तीन किमी का पैदल सफर तय करने के बाद सवा दस बजे डोली मंदिर परिसर पहुंची। कुछ देर विश्राम के बाद डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा की और फिर मठापति रामप्रसाद मैठाणी, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर के सीलबंद कपाट खोलने की प्रक्रिया आरंभ हुई। ठीक 10.30 बजे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए। पुजारी ने मंदिर में प्रवेश कर भगवान की भोगमूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया और विशेष पूजा-अर्चना कर बाबा को भोग लगाया गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया। पहले दिन एक हजार से अधिक भक्तों ने भक्तों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए।

Posted By: Inextlive